October 28, 2017
तेरे मन में राम, तन में राम, रोम रोम में राम
Tere Man Mein Ram Tan Mein Ram Rom Rom Mein Ram
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Singer(गायक): अनूप जलोटा
दोहा: राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट।
अंत समय पछतायेगा, जब प्राण जायेंगे छूट॥
तेरे मन में राम, तन में राम, रोम रोम में राम रे,
राम सुमीर ले, ध्यान लगाले, छोड़ जगत के काम रे।
बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम॥
माया में तू उलझा उलझा धर धर धुल उडाये,
अब क्यों करता मन भारी जब माया साथ छुडाए।
दिन तो बीता दोड़ दूप में, बीत ना जाए शाम रे,
बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम॥
तन के बीतर पांच लुटेरे डाल रहें हैं डेरा,
काम क्रोध मद लोभ मोह ने तुझ को कैसा घेरा।
भूल गया तू राम रटन, भूला पूजा का काम रे,
बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम॥
बचपन बीता खेल खेल में भरी जवानी सोया,
देख बुढापा अब तो सोचे, क्या पाया क्या खोया।
देर नहीं है अब भी बन्दे, लेले उस का नाम रे,
बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम॥