April 19, 2019
प्रबल प्रेम के पाले पड़करVerified Lyrics
Prbal Prem Ke Pale Padkar
♡
Singer(गायक): अज्ञात
प्रबल प्रेम के पाले पड़कर,
प्रभु को नियम बदलते देखा।
अपना मान भले टल जाये,
भक्त मान नहीं टलते देखा।
जिसकी केवल कृपा दृष्टि से,
सकल विश्व को पलते देखा।
उसको गोकुल में माखन पर,
सौ-सौ बार मचलते देखा।
जिसके चरण कमल कमला के,
करतल से न निकलते देखा।
उसको ब्रज की कुंज गलिन में,
कंटक पथ पर चलते देखा।
जिसका ध्यान विरंचि शंभु,
सनकादिक से न सम्भलते देखा।
उसको ग्वाल सखा मंडल में,
लेकर गेंद उछलते देखा।
जिसकी वक्र भृकुटि के डर से,
सागर सप्त उछलते देखा।
उसको माँ यशोदा के भय से,
अश्रु बिंदु दृग ढ़लते देखा।