मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ
Maili Chaadar Odh Ke Kaise Dvaar Tumhaare Aaun
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Singer(गायक): हरी ॐ शरण
मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ।
हे पावन परमेश्वर मेरे,
मन ही मन शरमाऊँ॥
◾️ मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ।
मैली चादर ओढ़ के कैसे
तूने मुझको जग में भेजा,
निर्मल देकर काया।
◾️ आकर इस संसार मैंने,
इसको दाग लगाया।
जनम जनम की मैली चादर,
कैसे दाग छुड़ाऊं॥
◾️ मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ।
मैली चादर ओढ़ के कैसे
◾️ निर्मल वाणी पाकर तुझसे,
नाम न तेरा गाया।
नैन मूंदकर हे परमेश्वर,
कभी ना तुझको ध्याया।
◾️ मन वीणा की तारें टूटी,
अब क्या गीत सुनाऊँ॥
मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ।
मैली चादर ओढ़ के कैसे
◾️ इन पैरों से चल कर तेरे,
मंदिर कभी न आया।
जहां जहां हो पूजा तेरी,
कभी ना शीश झुकाया।
◾️ हे हरिहर मैं हार के आया,
अब क्या हार चढाऊँ
मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ।
मैली चादर ओढ़ के कैसे
◾️ तू है अपरंपार दयालू,
सारा जगत संभाले।
जैसे भी हूँ, मैं हूँ तेरा,
अपनी शरण लगाले।
◾️ छोड़ के तेरा द्वारा दाता,
और कहीं नहीं जाऊ॥
मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ।
◾️ मैली चादर ओढ़ के कैसे
द्वार तुम्हारे आऊँ।
हे पावन परमेश्वर मेरे,
मन ही मन शरमाऊँ
◾️ मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ।
मैली चादर ओढ़ के कैसे