October 20, 2017
जाके प्रिय ना राम-बैदेही, सो छाड़िये कोटि बैरी सम
Jaake Priy Na Raam-baidehee, So Chhaadiye Koti Bairee Sam
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Singer(गायक): रामवीर परमार
जाके प्रिय ना राम-बैदेही,
सो छाड़िये कोटि बैरी सम, जद्यपि परम स्नेही।
तज्यो पिता प्रह्लाद, विभिसन बंधू, भारत महतारी।
बलि गुरु तज्यो, कान्त ब्रज्बनितनी, भये मुद-मंगलकारी॥
नाते नेह राम के मनियत, सुह्रद सुसेव्य जहाँ लॉन।
अंजन कहा अंखि फूटी, बहु तक कहूं कहाँ लौं॥
तुलसी सो सब भांति परम हित, पूज्य प्राण ते प्यारो।
जासों होया सनेह रामपद एतो मतों हमारो॥