January 9, 2021
हे रोम रोम में बसने वाले राम, जगत के स्वामी,Verified Lyrics
He Rom Rom Me Basne Wale Ram, Jagat Ke Swami
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Singer(गायक): अज्ञात
हे रोम रोम में बसने वाले राम, जगत के स्वामी,
हे अन्तर्यामी, मैं तुझसे क्या मांगूं॥
आप का बंधन तोड़ चुकी हूं, तुझ पर सब कुछ छोड़ चुकी हूं।
नाथ मेरे मैं, क्यूं कुछ सोचूं, तू जाने तेरा काम॥
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी, मे तुझ से क्या मांगूं।
हे रोम रोम मे बसने वाले राम…॥
तेरे चरण की धुल जो पायें, वो कंकर हीरा हो जाएँ ।
भाग्य मेरे जो, मैंने पाया, इन चरणों मे ध्यान॥
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी, मे तुझ से क्या मांगूं।
हे रोम रोम मे बसने वाले राम…॥
भेद तेरा कोई क्या पहचाने, जो तुझ सा को वो तुझे जाने ।
तेरे किये को, हम क्या देवे, भले बुरे का नाम॥
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी, मे तुझ से क्या मांगूं।
हे रोम रोम मे बसने वाले राम…॥