चालो रे सखियाँ चलो, हिमालय के द्वारे आज।Verified Lyrics
Chalo Re Sakhiyon, Himalya Ke Dware Aaj
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Singer(गायक): अज्ञात
चालो रे सखियाँ चलो, हिमालय के द्वारे आज।
गोरा बाई रो बींद निरखस्यां गोरो है या कालो राज।।
ऐसा कामण म्हारे, शिव बोले ने सोहे राज।
शिव भोले ने सोहे, यह तो गोरा बाई ने मोहे राज।।1।।
बाघम्बर का वस्त्र पहेरे, अंग विभूति रमावे राज।
मस्तक पर तो चन्द्रमा सोहे, जटा में गंगा बिराजे ओ राज।।2।।
काना में थारे कुंडल सोहे , गल सर्पों की माला राज ।
नंदी की असवारी सोहे, त्रिशूल हाथ में धारया ओ राज।।3।।
भान्त भान्त का बाराती आया, कोई लूला कोई लंगड़ा राज ।
भुत प्रेत ने सागे ल्याया, शिव को रूप अनोखो ओ राज।।4।।
भांग धतुरा करे कलेवो, बिजिया खूब चढ़ावे राज।
शिव भोला का आया बाराती, पातल पापड़ खावे ओ राज।।5।।
शिव भोले को रूप देख कर, सखियाँ पाछी भागे राज।
सखियाँ यह केवण लागी, बींद घणो ही भून्ड़ो ओ राज।।6।।
म्हे नहीं जाणा, म्हारा जोशी कामण गारा राज।
जोशीजी को नेक चुकास्यां कामण ढीला छोड़ो ओ राज।।7।।
चालो रे सखियाँ चलो, हिमालय के द्वारे आज।
गोरा बाई रो बींद निरखस्यां गोरो है या कालो राज।।