मेरे घर गणपति जी है आए

मेरे घर गणपति जी है आए, मेरे घर गणपति जी है आए, मैं अपने दुःख को, मैं अपने दुःख को हूँ बिसराये, वो खुशियां अपने साथ है लाए, मेरे घर गणपति जी है आए।। मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का, मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का, मैं तिलक करूँ उनको चन्दन का, मेरा मन हरपल यही

मेरे गणनायक तुम आ जाओ मैं तो कबसे बाट निहार रही

मेरे गणनायक तुम आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओ।। मेरी सखियाँ मुझसे पूछे है, कब आएंगे गजमुख बोलो, अब अष्ट विनायक आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओं, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओ।। मन व्याकुल है

मेरा विघ्न हरो महाराज मनु आज

मेरा विघ्न हरो महाराज मनाओ आज गजानंद प्यारा – गिरिजा का लाल दुलारा पहले मैं तुझे मनाता फिर ध्याऊ सारदा माता मेरे कंठ विराजो आये हंस असवार गिरिजा का लाल दुलारा मेरा विघ्न हरो महाराज मनाओ आज गजानंद प्यारा – गिरिजा का लाल दुलारा थारे सोहे मुकुट हजारी और रीढ़ सिद्ध अघ्याकारी थे सब देवन

मंगल मूर्ति हे गणराय-गणपति बाप्पा मोर्य

मंगल मूर्ति हे गणराय-गणपति बाप्पा मोर्य माता पार्वती पिता महादेव -गणपति बाप्पा मोर्य सिद्ध्विनायक मंगल दाता-गणपति बाप्पा मोर्य प्रथम वंदना हर कोई गाता-गणपति बाप्पा मोर्य मोदक प्रिय मेरे मंगल दाता-गणपति बाप्पा मोर्य हर कोई तुझको सीस निवाता-गणपति बाप्पा मोर्य जाके घर हर बरस बिराजे-गणपति बाप्पा मोर्य रिद्धि सिद्धि संग पधारे-गणपति बाप्पा मोर्य शुभ काज जो

तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी

1. तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी, ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥ तुम हो दया के सागर क्या बात है तुम्हारी, ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥ 2. विघ्नौ को हरने वाले सुख शांति देने वाले, मोह पाश काटते हो तुम भक्ति देने वाले, तुमने रचाई सॄष्टि तुम ने

भक्तो के द्वार पधारो प्यारे गौरी के ललन

भक्तो के द्वार पधारो, प्यारे गौरी के ललन, हर बिगड़े काज सवारों, प्यारे गौरी के ललन, गौरी के ललन, महामाई के ललन, भोलेनाथ के ललन, भक्तो के द्वार पधारो, प्यारे गौरी के ललन।। भाँति भाँती के फूल मँगाए, मंडप द्वार सजाए है, श्रद्धा भक्ति और लगन से, अंगना चौक पुराए है, धुप दिप से महक

बिगड़ी तेरी बनाएगा नाम गणपति

बिगड़ी तेरी बनाएगा, नाम गणपति का, संकट सभी मिटाएगा, नाम गणपति का, बिगड़ी बनाएगा, संकट मिटाएगा, कष्ट ना कभी तू पायेगा, जो मन से तू गाएगा, नाम गणपति का, बिगड़ी तेरी बनाएगा, नाम गणपति का।। मंगल मूरत मंगल कर दो, सुख समृद्धि का हमको वर दो, हाथ दया का सर पर धर दो, भक्ति अपनी

माँ वीणा पानी हो विद्या वरदानी हो।

माँ वीणा पानी हो, विद्या वरदानी हो, मेहरो वाली हो, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, अपने भक्तो की, अपने बच्चो की तुम रखवाली हो, मेरी माँ, ओ माँ।। ◾️नाम है जितने माता तुम्हारे, एक रूप के हे जगदम्बे, रूप अनेको सारे, शारदे माँ हो तुम, लक्ष्मी माँ हो तुम, कहीं पे काली

मेरी विपदा टाल दो आकर हे जग जननी माता।

मेरी विपदा टाल दो आकर, हे जग जननी माता।। ◾️तू वरदानी है, आद भवानी है, माँ तू वरदानी है, आद भवानी है, क्या में तेरा लाल नहीं हूँ, क्या तू माँ नहीं मेरी, फिर क्यों लगाई देरी, तू ही कहदे है ये कैसा, माँ बेटे का नाता, शेरों वाली माता, शेरों वाली माता।। ◾️में अज्ञानी

नित महिमा मैं गाउँ मैया तेरी।

नित महिमा मैं गाउँ मैया तेरी, ◾️और क्या माँगू मैं तुमसे माता, बस धूल चरण की चाहूँ, पल पल याद करूँ मैं तुमको, मैं हिरे रतन ना चाहूँ, अब तक तेरा प्यार मिला है, माँ हर मांग मिली मेरे मन की, आगे भी तू रखना दया माँ, तू मालिक है त्रिभुवन की, नित महिमा मैं