मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे, इतना दिया मेरी माता॥ मेरी बिगड़ी माँ ने बनायीं, सोयी तकदीर जगायी। ये बात ना सुनी सुनाई, मैं खुद बीती बतलाता रे। इतना दिया मेरी माता, मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे, इतना दिया मेरी माता… मान मिला सम्मान मिला, गुणवान मुझे संतान मिली। धन धान मिला नित ध्यान
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया। दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया॥ एक तो तेरे नैन तिरछे, दूसरा काजल लगा। तीसरा नज़रें मिलाना, दिल दीवाना हो गया॥ सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया… एक तो तेरे होंठ पतले, दूसरा लाली लगी। तीसरा तेरा मुस्कुराना, दिल दीवाना हो गया॥ सांवली
ऐसा प्यार बहा दे मैया, चरणों से लग जाऊ मैं, सब अंधकार मिटा दे मैया, दरस तेरा कर पाऊं मैं। जग मैं आकर जग को मैया, अब तक न मैं पहचान सका, क्यों आया हूँ कहाँ है जाना, यह भी ना मै जान सका, तू है अगम अगोचर मैया, कहो कैसे लख पाऊं मैं। कर
यह तो प्रेम की बात है उधो, बंदगी तेरे बस की नहीं है। यहाँ सर देके होते सौदे, आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥ यह तो प्रेम की…. प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा, उनकी पूजा में सुन ले ए उधो। यहाँ दम दम में होती है पूजा, सर झुकाने की फुर्सत नहीं है॥ यह तो
आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण, रहे तुझ में मगन, थाम के यह चरण। तन मन में भक्ति ज्योति तेरी, हे माता जलती रहे॥ उत्सव मनाये, नाचे गाये, चलो मैया के दर जाएँ। चारो दिशाए चार खम्बे बनी हैं, मंडप में आत्मा की चारद तानी है। सूरज भी किरणों की माला ले आया, कुदरत ने
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे, होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे… छोटो सो कन्हैयो मेरो बांसुरी बजावे, यमुना किनारे देखो रास रचावे, पकड़ी राधे जी की बइयाँ, देखो घूमर घाले, होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे। मीठी मीठी मेरे… छम छम बाजे देखो राधे की पैजनियाँ, नाचे रे कन्हैयो मेरो छोड़
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ . हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊं .. तूने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर काया . आकर के संसार में मैंने इसको दाग लगाया . जनम जनम की मैली चादर कैसे दाग छुड़ाऊं .. निर्मल वाणी पाकर मैने नाम न तेरा गाया . नयन
तुम्हारी शरण मिल गई सांवरे, तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गई, हमें देखने वाला कोई न था, तुम जो मिले बंदगी मिल गई, बचाते ना तुम डूब जाते कन्हैया, कैसे लगा…ते-किनारे पे नैया, गमें ज़िंदगी से परेशान थे, रोते लबो को हंसी मिल गई, समज के अकेला सताती है दुनिया, सितम पे सितम हम पे… ढाती
भर दे रे श्याम झोली भर दे भर दे, ना बहलाओ बातों में….।।1।। दिन बीते, बीती रातें, अपनी कितनी हुई रे मुलाकाते, तुझे जाना, पहचाना, तेरे झुठे हुए रे सारे वादे, भूले रे श्याम तुम तो भूले, भूले, क्या रखा हैं वादों में, भर दे रे…… ।।2।। नादान हैं, अंजान हैं, श्याम तू ही तो