बजरंगबली तेरा हम दर्श अगर पाएं, हे राम भक्त तेरे चरणों में।

बजरंगबली तेरा हम दर्श अगर पाएं, हे राम भक्त तेरे चरणों में लिपट जाएं। अंजनी के लाल जग में तेरी महिमा न्यारी हो, हे पवन पुत्र तुम तो शंकर के अवतारी हो। बिन देखे तेरी सूरत अब चैन नहीं आए। बजरंगबली तेरा…. ओ सूरज को निगल करके बजरंगी कहलाए, लंका को जलाकर के सीता की

वृन्दावन जाने वालोVerified Lyrics 

वृन्दावन जाने वालो, वृन्दावन जाने वालो, बांके बिहारी के नाम मेरा पैगाम ले जाओ। वृन्दावन जाने वालो… पेहले मेरी तरफ से तुम चरणों में शीश झुकाना उनके चरणों में बैठ के मेरा दरदे हाल सुनाना, उनके सजदे में मेरा सलाम ले जाओ। वृन्दावन जाने वालो… केहना तेरा दीवाना तुम बिन पल पल तेडप रहा है,

आज अयोध्या में उत्सव निरालाVerified Lyrics 

आज अयोध्या में उत्सव निराला जप लो सिया राम नाम की माला नारद जी गाये जय जय श्री राम बजरंगी नाचे होके मतवाला आज अयोध्या में उस्तव निराला दीप जले अति सूंदर मन में राम पता का ठहरे घर घर में उमंगे सब के हिरदये में थिरकती मयूर जैसे नाचे वन वन में खुसियो ने

ये हैं शंकर भोले, भाले दर्शन करलो जी।दर्शन करलो, झोली भरलो,

ये हैं शंकर भोले-भाले, दर्शन करलो जी। दर्शन करलो, झोली भरलो, पर उतरलो जी। भोला भाला नाम धरा, पर सब जग से न्यारा है। जटा में गंगा सोहे हैं, मस्तक चन्द उजियारा है। ये हैं सब जग के रखवाले, दर्शन करलो जी।।1।। आक धतूरा खाते हैं तन पे रख रमाते हैं। एक हाथ त्रिशूल लिए

थारा डम डम डमरू बाजे रे, बाजे रे,

थारा डम डम डमरू बाजे रे, बाजे रे, शिव शंकर कैलाश पति संग गौरां नाचे रे। शंकर नाचे गौरां नाचे नाच रहे गणराई। नंदीगण सुर ताल दे रहे ढोलक झांझ बजाई।।1।। कैलाशी काशी के वासी, अजर अमर अविनाशी। भक्तां का दुख फिरे बांटता, कटे यम की फांसी।।2।। महल अटारी जग ने बांटया, आप बन्या बनवासी।

मेहंदीपुर वाले दरबार तेरा दूर है, मन में विचार लिया

मेहंदीपुर वाले दरबार तेरा दूर है, मन में विचार लिया आना भी जरूर है। मेरी ये रजा, मेरी ये रजा, आगे तेरी मर्जी। तेरा दरबार मेरे मन लुभाता है। बार बार आना मेरे मन को बड़ा भाता है।।1।। एक बार आने वाला बार बार आता है। बाबा अपने भक्तों से प्यार से बुलाता है।।2।। प्यार

म्हे तो आया हो बजरंगी थारे द्वार चरणा में अर्ज करां।

म्हे तो आया हो बजरंगी थारे द्वार चरणा में अर्ज करां। शीश मुकुट कानों में कुंडल गल वैजन्ती माला। लाल सिंदूर रम्या तन ऊपर राम नाम मतवाला।। प्यारो लागे म्हाने थारो दरबार।।1।। भक्तां ने थे दर्शन देवो भीड़ बड़ी है भरी। दूर दूर से सेवक आया आशा लागी थारी।। थारा सेवक करे रे पुकार।।2।। बालाजी

भरोसे थारे चाले ओ, बजरंग म्हारी नाव।

टेर : भरोसे थारे चाले ओ, बजरंग म्हारी नाव। गहरी गहरी नदिया नाव पुरानी, दीखे नहीं किनारों। चारो पासे ढूंढ फिरयो पर मिल्यो ना कोई सहारो। या तो डगमग डगमग हाले ओ बजरंग म्हारी नाव भरोसे थारे चाले… ।।1।। करके दया वेग तुम आवो बल्ली आन लगावो। म्हारी या डूबतडी नैया तुरंत ही पार लगावो।

भक्त खड़े तेरे द्वार दर्शन पाने के लिए।

भक्त खड़े तेरे द्वार दर्शन पाने के लिए। आ जावी एकबार दर्श दिखाने के लिए।। बजरंग बाला दीं दयाला तूँ रखवाला तुन रखवाला। भक्तों की प्रतिपाल करे तूँ ऐसा है मतवाला।। आते हैं हर बार बार प्यार जताने के लिए।।1।। गहरी गहरी नदिया दूर किनारा दे दो सहारा दे दो सहारा। झूठे जग में तेरे

बाला मैं तो दीवाना तेरा। तेरा दरबार है घर मेरा।।

बाला मैं तो दीवाना तेरा। तेरा दरबार है घर मेरा।। साडी दुनिया ये कुछ भी कहे। छोड़ू दर न कभी ये तेरा।। आया मैं दर पे जब पहली बार, देखा जग से नया चमत्कार। जग ने मुझे डराया, मगर खींच लाया तेरा प्यार। संकटो ने मुझे है घेरा।।1।। तेरे दरबार कि क्या कहूं, दिल करता