कृष्ण जिनका नाम है, गोकुल जिनका धामVerified Lyrics 

कृष्ण जिनका नाम है, गोकुल जिनका धाम है, ऎसे श्री भगवान को, बारंबार प्रणाम है-२ कृष्ण जिनका नाम है, गोकुल जिनका धाम है, ऎसे श्री भगवान को-२ बारंबार प्रणाम है-२ यशोदा जिनकी मैया है, नंद जी बापैया है, ऎसे श्री गोपाल को-२ बारंबार प्रणाम है। लूट-लूट दधि माखन खायो, ग्वाल-बाल संग धेनु चरायो, ऎसे लीला-धाम

बीत गये दिन भजन बिना रेVerified Lyrics 

बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे, भजन बिना रे॥ बाल अवस्था खेल गवांयो। जब यौवन तब मान घना रे॥ बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे, भजन बिना रे॥ लाहे कारण मूल गवाँयो। अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥ बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे, भजन

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासीVerified Lyrics 

हरी दर्शन की प्यासी, अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी, देखयो चाहत कमाल नयन को, निसदीन रहेत उदासी, अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी। केसर तिलक मोतिन की माला, वृंदावन के वासी, नेह लगाए त्याग गये त्रिन्सम, डाल गये गल फाँसी, अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी। काहु के मन की को जानत, लोगन के मन हासी, सूरदास

स्वीकारो मेरा परनाम प्रभुVerified Lyrics 

सुख-वरण प्रभु नारायण हे, दु:ख-हरण प्रभु नारायण हे, त्रिलोकपति दाता सुखधाम, स्वीकारो मेरा परनाम-२ स्वीकारो मेरा परनाम प्रभु। मन वाणी में वो शक्ति कहाँ जो, महिमा तुम्हरी गान करें, अगम अगोचर अविकारी, निर्लेप हो हर शक्ति से परे, हम और तो कुछ भी जाने ना, केवल गाते हैं पावन नाम, स्वीकारो मेरा परनाम, स्वीकारो मेरा

मुझे राधे राधे कहने देVerified Lyrics 

मुझे राधे राधे कहने दे, ओ पापी मन रुक जा जरा, रुक जा जरा रे मन रुक जा जरा, मुझे राधे राधे कहने दे, ओ पापी मन रुक जा जरा।। गर्भ में प्रभु से जो वादा किया है, अब तक मैंने ना पूरा किया है, मुझे वादा निभाने दे, ओ पापी मन रुक जा जरा,

मैंने सारे सहारे छोड़ दिएVerified Lyrics 

मैंने सारे सहारे छोड़ दिए, बस तेरा सहारा काफी है, मुझे चाह नहीं दुनिया भर की, बस तेरा नज़ारा काफी है, मैंने सारे सहारे छोड़ दिए, बस तेरा सहारा काफ़ी है। तेरी चाहत में जग छूट गया, पर तू मुझसे क्यों रूठ गया, मैं डूब रहा भव सागर में-२ बस आना तुम्हारा बाकी है, मैंने

मोहन प्रेम बिना नही मिलताVerified Lyrics 

मोहन प्रेम बिना नही मिलता, चाहे कर लो लाख उपाए, मोहन प्रेम बिना नही मिलता। मिले न यमुना सरस्वती में, मिले न गंग नहाए, प्रेम सरोवर में जब दुबे प्रभु की झलक लो खाए, मोहन प्रेम बिना नही मिलता। मिले न पर्वत में निर्जन में मिले न वन वर्माये, प्रेम भाग घुमे तो प्रभु को

श्री हनुमान वंदनाVerified 

चरण शरण में आयी के, धरुं तिहारा ध्यान। संकट से रक्षा करो, संकट से रक्षा करो पवन पुत्र हनुमान। दुर्मम काज बनाय के, कीन्हे भक्त निहाल। अब मोरी विनती सुनो, अब मोरी विनती सुनो हे अंजनी के लाल। हाथ जोड़ विनती करूँ, सुनो वीर हनुमान। कष्टों से रक्षा करो, कष्टों से रक्षा करो राम भक्ति

तीन बार भोजन भजन एक बारVerified Lyrics 

तीन बार भोजन भजन एक बार, उसमें भी आते हैं झंझट हजार॥ मन मेरा कहता है गंगा नहा आऊँ, गंगा नहा आऊँ जमुना नहा आऊँ। जाते-जाते रास्ते में चढ़ गया बुखार॥ उसमें भी आते हैं… मन मेरा कहता है मन्दिर हो आऊँ, मंदिर हो आऊँ थोड़ा दर्शन कर आऊँ। जाते-जाते मंदिर के लग गये किवाड़॥

हम आज सभी मिलकर, तेरी रात जगायेंगे।

हम आज सभी मिलकर, तेरी रात जगायेंगे। ओ महावीर सुनलो, तेरी महिमा गायेंगे। तुझसे मिलने को भला, कोई रोकेगा कैसे कदमों से लिपट जाएं, वृक्ष की लता जैसे सपनों में मिले थे तुम, अब सामने पाएँगे। हम आज सभी…. पूरी होगी तृष्णा, प्यासे इन नयनन की। माथे से लगा लेंगे, धूलि तेरे चरणन की। चरणामृत