हमको ये तो बता दो ओ मैया, तेरा जलवा कहा पे नही है॥ लोग पिते है पी पी के गिरते, हम पीते है फिर भी ना गिरते, हम तो पीते है सत्संग का प्याला, कोई अंगूरी की मदिरा नही है। हमको ये तो बता दो ओ मैया, तेरा जलवा कहा पे नही है। लोग दुःख
नंद बाबाजी को छैया -2 वाको नाम है कन्हैया, कन्हैया कन्हैया रे .. बड़ो गेंद को खिलैया आयो आयो रे कन्हैया, कन्हैया कन्हैया रे.. काहे की गेंद है काहे का बल्ला गेंद मे काहे का लागा है छल्ला कौन ग्वाल ये खेलन आये खेलें ता ता थैया ओ भैया, कन्हैया कन्हैया रे .. रेशम की
कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी, शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी, कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी॥ मइया के पावन में पेजन बनाऊगी, पेजन बनाऊगी गुंगरु बनाऊगी, छम-छम नाच दिखाना मोरी शारदा भवानी, कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी॥ मइया के माथे पे बिंदियाँ सजाऊगी, हीरा जड़ा पड़े चमकाना
श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है, आजा खाटू वाले तुझको, दास ने बुलाया है, श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है॥ चरणों में बैठ तेरे ज्योत ये जगाई है, राहों में तेरी बाबा पलकें बिछाई है। श्रद्धा और भाव का ये आसन सजाया है, आजा खाटू वाले तुझको, दास ने बुलाया है॥
सब झूमो नाचो आज, नवरात्रि का दिन आया है, मेरी माँ का दिन आज आया है, नवरात्रि का दिन आया है, मेरे बिगड़े…. माँ बिगड़े सँवारे काज, नवरात्रि का दिन आया है, सब झूमो नाचो आज, नवरात्रि का दिन आया है… अब घड़ी सुहानी आ गयी, माँ शेर पे चढ़के आ गयी, तीनो लोक में
भोला भाला मुखड़ा है चाल मतवाली, अपने भक्तो की बाबा करे रखवाली, लाखो दीवानो को सँभालने वो आया है, वो देखो श्याम बाबा नीले चढ़ आया है। श्याम पे भरोसा कर जब तू आया है, याद रख श्याम की नजर में भी आया है, दिल से पुकार दर्शन देने आया है, वो देखो श्याम बाबा
सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे गणराज आये है, लगी कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे गणराज आये है। पखारो इनके चरणों को, बहाकर प्रेम की गंगा, बिछा दो अपनी पलकों को, मेरे गणराज आये है। उमड़ आयी मेरी आँखे, देखकर अपने बाबा को, हुयी रोशन मेरी गलिया, मेरे गणराज आये है। तुम आकर फिर
तुम कहाँ गये गणराज, तुम्हे ढूंढ रहा जग आज, तुम लौट के आओ ना गजानन तुम लौट के आओ ना………. हाथ जोड़ के तुम्हे मनाऊ, मोतीचूर का भोग लगाऊ, तुम गौरा के हो बड़े लाडले, माँ गौरा की कसम चढाऊ, मोरी सुन लो अरज महाराज, तुम हो देवो के सरताज, तुम लौट के आओ ना
हरि नाम सुमर सुखधाम, जगत में जिवना दो दिन का सुन्दर काया देख लुभाया, गरब करै तन का गिर गई देह बिखर गई काया, ज्यूँ माला मनका॥१॥ सुन्दर नारी लगै पियारी, मौज करै मनका। काल बली का लाग्या तमंचा, भूल जाय ठन का॥२॥ झूठ कपट कर माया जोड़ी, गरब करै धन का। सब ही छोड़कर