ओं मेरे कान्हा तेरा मुस्कुराना, भूल जाने के काबिल नहीं है। चोट खायी है दिलपे ये मैंने, वो दिखने के काबिल नहीं है। मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना, भूल जाने के काबिल नहीं है। जबसे देखा है जलवा तुम्हारा, कोई आँखों में जचता नहीं है, यूं तो देखे बहुत नूर वाले, सारे आलम में तुमसा नहीं
करो भजन मत डरो किसी से, ईश्वर के घर होगा मान इसी भजन से, राम भजन से हृदय में उपजैगा ज्ञान॥टेर॥ भजन कियो प्रह्लाद भक्त नै, बार बार कारज सार्यो। हिरणाकुश नै, हा असुर नै, राम नाम लाग्या खारा॥ हिरणाकुश यूँ कही पुत्र सँ बचन नहीं मान्या मेरा। तोय भी मारता, बता सच, राम नाम
दोहा - आग लगी आकाश में, तो झर झर गिरे अंगार, संत न होते जगत में, तो जल मरता संसार। चलती चक्की देखकर, दिया कबीरा रोय, दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोय। मैं भूल गया रे भजन तेरा करना बाबा, भूल गया रे, मैं भुल गया रे भजन तेरा करना बाबा, भूल
करते है जो भक्ति संकट मोचन हनुमान की उन्हें फिर संकट कैसा, उन्हें फिर संकट कैसा।। पा लेते है कृपा जो भी हमसे कृपा निधान की, उन्हें फिर संकट कैसा, उन्हें फिर संकट कैसा।। मन मैं श्रद्धा लेकर नाम जो इनका गाते है मिल जाती है दुःख से मुक्ति सच्चा आनंद पाते है जिनको मिलती
तू ही बन जा मेरा मांझी पार लगा दे मेरी नैया, हे नटनागर कृष्ण कन्हैया पार लगा दे मेरी नैया.. इस जीवन के सागर में, हर क्षण लगता है डर मुझ्को, क्या भला है क्या बुरा है तू ही बता दे मुझ्को, हे नटनागर कृष्ण कन्हैया पार लगा दे मेरी नैया.. क्या तेरा और क्या
है मतवाला मेरा रखवाला, लाल लंगोटे वाला सालासर वाला, ये मेहंदीपुर वाला रोम रोम राम बसाये जपत राम की माला ओ बाबा मेरा ये सालासर वाला ओ बाबा मेरा ये मेहंदीपुर वाला || राम काज करने अवतारे राम प्रभु के काज सवारे अंजनी पुत्र राम के प्यारे सीता राम ह्रदय में धारे वीर है बंका
छोटी – छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल। छोटो सो , मेरो मदन गोपाल। २ आगे आगे गैया , पीछे पीछे ग्वाल। २ बिच में मेरो ,यशोदा को लाल। … छोटी – छोटी गैया ने , छोटे छोटे ग्वाल। छोटो सो , मेरो मदन गोपाल। २ काली काली गैया ,गोर गोर ग्वाल। २ श्याम हरण मेरो
दोहा :- अगर गुजरे तू राह से मेरी, कही बाद में फिर जाना। सबसे पहले इस लक्खा की कुटिया में माँ आ जाना॥ फुर्सत मिले तो एक बार माँ, फुर्सत मिले तो एक बार माँ। आजा नैन निहारे तेरी राह माँ, फुरसत मिले तो एक बार॥ सब जानती हो क्या चाहता हूँ, मैं कहना सकूंगा।
फागुन का महीना केसरिया रंग घोल होली खेले राधा संग नटवर नन्द किशोर ….2 ओढ़ के आयी कान्हा नयी रे चुनरिया पिचकारी भर मेरे मारो न सावरिया पिचकारी मारी कर दीन्ही सर दर होली खेले राधा संग नटवर नन्द किशोर ….2 फागुन का महीना केसरिया रंग घोल होली खेले राधा संग नटवर नन्द किशोर ….2
जिसके हृदय में राम नाम बंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। लेकर सिर्फ राम नाम का सहारा, इस दुनिया को करके किनारा, राम जी की रजा में जो रजामंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। जिसके हृदय में राम नाम बंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। बुरी