भक्त मनावे श्याम जन्मदिन, होता उत्सव भारी से, भेजेगा मेरा श्याम बुलावा, मेरी पक्की यारी से।। मेरा जब से मेल हुआ है, ये जगत लगे केवल सपना, पहले था फिरा भटकता, अब जग में नाम हुआ अपना, जब श्याम संवारे भाग्य मेरा, तो फिर कैसी लाचारी से, भेजेगा मेरा श्याम बुलावा, मेरी पक्की यारी से।।
जो खेल गए प्राणों पे, श्री राम के लिए, एक बार तो हाथ उठालो, मेरे हनुमान के लिए, जो खेल गए प्राणो पे, श्री राम के लिए एक बार तो हाथ उठालो, मेरे हनुमान के लिए।। सागर को लांघ के इसने, सीता का पता लगाया, प्रभु राम नाम का डंका, लंका में बजा के आया,
नज़रे मिला के मुझसे, ऐ श्याम मुस्कुरा दो, गलती अगर हुई तो, दिल से उसे भुला दो, नज़रे मिला के मुझसे।। किस बात पे खफा हो, नाराज लग रहे हो, लगते हो जैसे हरदम, ना आज लग रहे हो, खोए खोए से मेरे, खोए खोए से मेरे, सरताज लग रहे हो, तुमको रिझाऊं कैसे-2, इतना
श्याम धनी से लगन लागगी, बन गया दोस्त बिहारी का, ना ते मने चेतक चाहिए जी, नाहै अब शोंक लाल फर्रारी का, मैं सीधा साधा जाट सु बाबा, तने मिलन आया सु, ना माँगन ताहि आया बाबा, दर्शन खातिर आया सु, तू बिन बोले ही देदे है हो हो ओ… तू बिन बोले ही देदे
तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो। मुझे राश आ.. गया है, तेरे दर… पर सर. झुकाना तूझे मिल गया… पुजारी , मुझे मिल गया… ठिकाना। मुझे कोन.. जानता था तेरी बंदगी.. से पहले तेरे नाम ने.. बना दिया, मेरी जिंदगी फसाना। तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो,
भगतों का रखवाला..मेरा बजरंग बाला ये राज दिलो पे करता है सालासर हनुमान मेरा भगतों की झोली भरता है मेंहदीपुर हनुमान मेरा बजरंगबली के जैसा ना कोई देव मिलेगा तुम जय श्री राम कहोगे,ये बेड़ा पार करेगा अपना सालासर वाला, बाबा बड़ा दिलवाला अपना मेंहदीपुर वाला ,बाबा बड़ा दिलवाला बजरंगी..भगतों का रखवाला..मेरा बजरंग बाला भगतों
राम गुण गायो नहीं आय करके, जमसे कहोगे क्या जाय करके, गर्भ में देखी नरक निसानी, तब तू कौल किया था प्रानी। भजन करुँगा चित्त लाय करके॥१॥ बालपनेमें लाड लडायो, मात-पिता तने पालणे झुलायो। समय गमायो खेल खाय करके॥२॥ तरुण भयो तिरिया संग राच्यो, नट मर्कट ज्यों निशदिन नाच्यो। माया में रह्यो रे भरमाय करके॥३॥
भज हूँ रे मन श्री नंद नंदन, अभय चरण अरविंद रे। दुर्लभ मानव जनम सतसंगे, तर आये भव सिंध रे। शीत आ तप मात बरीशन, एह दिन यामनी जाग रे। विफले से बिनु कृपण दुर्जन, चपल सुख नव लाग रे। श्रवण कीर्तन स्मरण वंदन, बाद से मन दास रे। पूजन सकी जन आत्म निवेदन, गोविन्द
कन्हैया ले चल परलीपार जहाँ बिराजे मेरी राधा रानी, जहाँ बिराजे मेरी श्यामा प्यारी अलबेली सरकार, कन्हैया ले चल परलीपार कन्हैया ले चल परलीपार। गुण अवगुण सब तेरे अर्पण पाप पुण्य सब तेरे अर्पण, ये जीवन भी तेरे अर्पण मै तेरे चरणों की दासी, तू मेरा प्राणाधाम कन्हैया ले चल परलीपार, जहाँ बिराजे मेरी राधा