हाथ जोड़ कर मांगता हूं, ऐसा हो जन्म, तेरे नाम से शुरू, तेरे नाम पे खत्म।। तेरे चलते बनी मेरी पहचान सावरे, वरना गली गली में घूमते, हो हो.. ओ, वरना गली गली में घूमते, हम बनके बावरे अब उठेगा तेरी राहो में जो, मेरा हर कदम, तेरे नाम से शुरू………।। जाने अनजाने में ऐसा
बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है, ये केहता कृष्ण मुरारी है, राधा संग सखियाँ सारी है होली में उड़े रंग भारी है, कोई गोई कोई काली है ये कहता कृष्ण मुरारी है, राधा वहा बड़ी न्यारी है, बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है, बीगी अंगियां बीगी साडी मारेगा न जब पिचकारी,
हनुमान सालासर के, महावीर सालासर के आयो मैं शरण में तेरी। सियाराम के कारज सारे, लंका में आप पधारे। सीताका शोक निवारे, तन गोद मुद्रिका डारी।। हनुमान सालासर के… तूने अक्षय कँवर को मारा, फिर बाग़ जाय उजड़ा। फीर फीर(हर तरफ़ जाके)के लंका ज़ारा, घर विभीषण का उबारा।। हनुमान सालासर के… लक्ष्मण जी को मुर्छा
सुनियो थे हमरी पुकार ओ श्री बजरंग बाला, वीर हो अंजनी के लाल वीर हो सालासर वाला। शीश मुकुट भाल तिलक विराजे थारे, कानों में कुण्डल विशाल।। सुनियो थे हमरी पुकार…. काँधे जनेऊ सुंदर हार गल पुष्पन का सोहे, और जड़ाऊ मोतियन माल।। सुनियो थे हमरी पुकार…. विजय पताका घोटा हाथ में लिया हो भारी,
श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा। जहाँ आप खड़े महाराज, असुर दल काँपा।। हाआ क्या सागर का गर्व करे ज्यान, कर ज्याऊँ फंका। भला हो रामा। कर ज्याऊँ फंका। म्हारे धणी का हुकम नहीं थारी, ले ज्यातो लंका।। ऐजी श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा। जहाँ आप खड़े महाराज,
भरत म्हारे कपि जी से अंतर नाहीं, तु मत जिम भलई भरत म्हारे, कपि जी से अंतर नाहीं। जुठेड़ो जीमे अछूतो जिमावे, हाथ धोवे सरयू माइ, हनुमत म्हारे प्राणा से प्यारों, तु मात जिम भलई। १००(सौ) योजन मर्याद समुद्र की, कूद गयो पल माइ, लंका जाये सिया सुधी ल्यायो, गर्ब(घमंड) नहीं मन माइ। शक्तिबाण लग्यो
चाल सखी सत्संग में चाला, सत्संग में माधव आसी, राम गुण रामगुण गावो म्हारी, सजनी नहि तो जुगड़ा में बैज्यासी। ब्रह्मा आसी विष्णु आसी, शंकर आसी बाबों कैलाशी, सुंड सुण्डाल्यो बाबो गणपत आसी, संग में आ गौरजा माँ आसी।। राम लक्ष्मण दशरथजी का लड़का, माधो वन को वनवासी, हनुमान सा पायक आसी, संग में आ
अपणों जाण के तन्ने बाबा, दिल का हाल सुणावा जी-२ तू ना सुने तो इतना बता दे-२ और कठे म्हे जावां जी, अपणों जाण के तन्ने बाबा, दिल का हाल सुणावा जी-२ सारी दुनियाँ बोले बाबा, सेठ बड़ो तू मोटो जी-२ इक मुट्ठी में भर भर ज्यासी-२ म्हारो पल्लो छोटो जी-२ या ही सोच के