॥या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली। हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली… हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली। हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली… एक चोटी पे हैं बैठे, श्री खंड महादेव। एक चोटी पे हैं बैठी, मेरी भी महाकाली…
श्याम मुझे अब ना तरसाओ बाबा हम तो बस तेरे ही दीवाने है हमको देदो सहारा में बालक हु तुम्हारा में कोई नहीं सहारा, बाबा श्याम मेरे जीवन का बस तू ही तो तारण हार है तेरे बिना कोई अब इस नियाँ का खेवतहार है। तर्ज:- फूल तुम्है भेजा है खत में श्याम मुझे अब
“मेरी अर्जी पे गौर करो” सुंदर फ़िल्मी तर्ज पर बाबा खाटूश्याम का मनमोहक भजन | Filmi Tarj Bhajan Lyrics | Filmi bhajan Khatu shyam bhajan | Filmi tarj par bhajan | सुपरहिट Filmi Tarj Bhajan | फिल्मी तर्ज भजन लिरिक्स | Hindi Bhajan Lyrics. तर्ज- जिंदगी की ना टूटे लड़ी.. ◘ टेर:- मेरी अर्जी पे
विश्वप्रिया कमलेश्वरी, लक्ष्मी दया निधान, तिमिर हरो अज्ञान का, ज्ञान का दो वरदान। आठो सिद्धिया द्वार तेरे, खड़ी है माँ कर जोड़, निज भक्तन की नाँव को, तट की ओर तू मोड़। निर्धन हम लाचार बड़े, तू है धन का कोष, सुख की वर्षा करके माँ, हर लो दुःख का दोष। जय लक्ष्मी माता, जय
बाबा श्याम के ह्रदय को मोह लेने वाले सूंदर भजन लिरिक्स | कुण सुणेलो | बाबा ही म्हारे जीवन आधार है उनके बिना हमारी अरदास कौन सुनेगा | बाबा हमारे माता पिता के सामान है | रात दिन तेरी याद में मेरे आँखों से नीर बहते है दिन रात में तेरा ही सिमरन करता हु
बाबा श्याम दीवाने प्रसिद्ध गायक संजय मित्तल जी की मधुर और ऊर्जावान आवाज में बाबा खाटू श्याम जी का मन मोहक भजन। “माहरी पीड़ हरो घनश्याम” बाबा खाटू श्याम के नए-पुराने और सभी सूंदर भजनों के लिरिक्स का विशाल संग्रह, आपको यहाँ श्री श्याम के हर भजन के लिरिक्स उपलब्ध करवाए जाते है। Top 10
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा, जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा। यह जीवन समर्पित चरण में तुम्हारे, तुम्ही मेरे सर्वस तुम्ही प्राण प्यारे। तुम्हे छोड़ कर नाथ किससे कहूँगा, जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा॥ ना कोई उलाहना, ना कोई अर्जी, करलो करालो जो है तेरी मर्जी। कहना भी होगा तो तुम्ही से
खाटू वाले श्याम तेरा, सच्चा दरबार है, तेरी जय जयकार बाबा, तेरी जय जयकार है। भक्तों के खातिर, कलयुग में आया, दरबार अपना, खाटू लगाया, अपने भगत के लिये, करता चमत्कार हैं, तेरी जय जयकार बाबा, तेरी जय जयकार है। आवाज जिसने, दिल से लगाई, बिगड़ी हुई को, पल में बनाई, दीन और दुखी के
मानव तू है मुसाफिर, दुनिया है धर्मशाला, संसार क्या है सपना, वो भी अजब निराला॥ ये रेन है बसेरा, है किराये का ये डेरा, उसमें फसा है ये फेरा, ये तेरा है ये मेरा॥ शीशे को मान बैठा, तू मोतियों की माला, संसार क्या है सपना, वो भी अजब निराला, मानव तू है मुसाफिर, दुनिया