बिगड़ी मेरी बना हनुमान मैँ शरण मेँ तेरी आ गया।

बिगड़ी मेरी बना हनुमान, बिगड़ी, मेरी बनादे, बिगड़ी… बिगड़ी मेरी बना हनुमान मैँ शरण मेँ तेरी आ गया। तेरी सुनके महिमा अपार मैँ शरण मेँ तेरी आ गया। सुनके, महिमा तेरी, सुनके… ◾️बिगड़ी मेरी बना…॥ लाया हूँ मैँ, दिल मेँ अपने, लगा के लगन तेरे दर्शन की, आँखोँ मेँ आँसू हैँ, भेँट मेरे पास ये

मिलता है सच्चा सुख केवल, प्रभु राम तुम्हारे चरणों में

मिलता है सच्चा सुख केवल, प्रभु राम तुम्हारे चरणों में, मिलता है सच्चा सुख केवल, श्री राम तुम्हारे चरणों में, ◾️ चाहे बैरन सब संसार बने, चाहे मौत भी मुझ पे भार बने, चाहे मौत गले का हार बने, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में, मिलता है सच्चा सुख केवल, श्री राम तुम्हारे चरणों में, ◾️

बालाजी से बड़ो ना बलवान कोई मेहंदीपुर के जैसो है ना धाम कोई।

बालाजी से बड़ो ना, बलवान कोई, मेहंदीपुर के जैसो है,ना धाम कोई।। ◾️आके जो भी अर्जी लगावे, हाथों हाथ ही पर्चो पावे, देर होने को ना अठे काम कोई, देर होने को ना अठे काम कोई, मेहंदीपुर के जैसो है, ना धाम कोई।। ◾️सांचो यो दरबार कुहावे, हेरा फेरी काम ना आवे, चाहे निर्धन हो

एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ।

एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ। एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ। मेरी लगन कम न होगी चाहे कितने ही कष्ट पाऊँ। बाबा दर पे तेरे आऊँ, हर पल तेरे गुण गाऊँ॥ एक तमन्ना… बाबा दर… मैँ भटका जीवन सागर मेँ बजंरग तुझको भुलाया। जब सूझा नहीँ किनारा तो

मन में विश्वास है, मन में विश्वास है

हर मुश्किल हल होगी तेरी आस उसे जो उसे लगाए तू पढ़ लेगा तेरे दुःख वो तो बताये या न बताये तू सच्चे मन से जो उसको बुलाए सुनता वो उसकी हर बात है उसने तो पाया है बस उसका साथ जिसके मन में विश्वास है मन में विश्वास है मन में विश्वास है मन

पायो निधि राम नाम, पायो निधि राम नाम।

पायो निधि राम नाम, पायो निधि राम नाम। सकल शांति सुख निधान, सकल शांति सुख निधान॥ पायो निधि राम नाम… ◾️ सुमिरन से पीर हरै, काम क्रोध मोह जरै। आनंद रस अजर झरै, होवै मन पूर्ण काम॥ पायो निधि राम नाम… ◾️ रोम रोम बसत राम, जन जन में लखत राम। सर्व व्याप्त ब्रह्म राम,

मानो तो मैं गंगा माँ हूँVerified 

मानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी, जो स्वर्ग ने दी धरती को, मैं हूँ प्यार की वही निशानी, मानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी॥ युग युग से मैं बहती आई, नील गगन के नीचे, सदियो से ये मेरी धारा, ये प्यार की धरती सींचे, मेरी

तन मन की सुध विसर गई हैVerified Lyrics 

तन मन की सुध विसर गई है, सन्मुख भोले नाथ खड़े है, इक टक सारे देख रहे है, पार्वती जी साथ खड़े है। शिव मंदिर में आ पहुंचे है भक्त तुम्हरे भोर हुए, अद्भुत छवि निराली देख के सब आत्म अभिभोर हुए, छू कर इन पावन चरणों को आनंदित हम और हुए, इक टक सारे

बाला सा थाने कोण सजाया जी म्हारे मनड़ो हर लीनो थारी सूरत मतवारी।

बाला सा थाने कोण सजाया जी, म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।। श्लोक – उत्सव आप को आ गयो, खूब सज्यो शृंगार, वीर बजरंगी मैं आपकी, लेउँ नज़र उतार। ◾️बाला सा थाने कोण सजाया जी, म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी, म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।। ◾️थारे हाथ में घोटा, लाल

सबसे ऊंची प्रेम सगाईVerified Lyrics 

सबसे ऊंची प्रेम सगाई दुर्योधन के मेवा त्याग्यो, साग विदुर घर खाई। जूठे फल शबरी के खाये, बहु विधि स्वाद बताई। राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा, तामे जूठ उठाई। प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो, भूल गये ठकुराई। ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन, गोपियन नाच नचाई। प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं, आप बने हरि नाई। सूर