मुझे अपनी शरण में ले लो राम ले लो राम द्वार तिहारे आन पड़ा हूँ मेरी खबरीआ ले लो राम ले लो राम मुझे अपनी शरण में ले लो राम ले लो राम… ◾️ इस जग ने मुझको ठुकराया मीत कोई न तुमसा पाया दुःख संताप मिटाकर मेरे नज़र दया की फेरो राम मेरे राम
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं कपि से उरिन हम नाहीं भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं ◾️ सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहीं लंका जारी,सिया सुधि लायो पर गर्व नहीं मन माहीं कपि से उरिन हम नाहीं भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं ◾️ शक्तिबाण, लग्यो लछमन
एक बार आओ जी बालाजी म्हारे आंगणा थाने टाबरिया बुलावे घर आज पधारो म्हारे आँगणिये।। केसरिया बागो पहरावा चांदी को थाके छतर चढ़ावा थाने बनड़ो बनावा बाबा आज पधारो म्हारे आँगणिये।। केसर चंदन तिलक लगावा इतर से बाबा थाने नहलवा थाको खूब करा श्रृंगार पधारो म्हारे आँगणिये।। खीर चूरमा को भोग लगावा प्रेम से बाबा
माँ अंजनी के लाल, सुनले ना मेरी पुकार माँ अंजनी के लाल, सुनले ना मेरी पुकार हो जायेँ भव से पार हम पे कृपा जो तेरी हो॥ माँ अंजनी के…॥ ◾️दरबार तेरा पावन, लगती है शोभा प्यारी। महिमा तेरी है निराली जाने दुनिया सारी। तेरी भक्ति से, तेरी शक्ति से मिट जाते सब जंजाल॥१॥ माँ
मनड़ा रे जे तू बालाजी ने ध्याय सी कष्ट तेरा सगळा कट जायसी सच्चे मन से तू देख बुलाय सी बजरंग बेड़ो पार लगाय सी बाबो बेड़ो पार लगाय सी मनड़ा रे जेतू बालाजी ने ध्याय सी।। ◾️सालासर रो बाबो सदा सुख बरसावे सँवर जावे बिगड़ी शरण जो आ जावे दुलारो अंजनी को भगता को
प्रेम मुदित मन से कहो राम राम राम, राम राम राम, श्री राम राम राम। पाप कटें दुःख मिटें लेत राम नाम। भव समुद्र सुखद नाव एक राम नाम॥ ◾️ परम शांति सुख निधान नित्य राम नाम। निराधार को आधार एक राम नाम॥ ◾️ संत हृदय सदा बसत एक राम नाम। परम गोप्य परम इष्ट
बोल राम राम, खुश होंगे हनुमान रे, पल में बनाएंगे, तेरे बिगड़े काम रे, तेरे बिगड़े काम रे।। ◾️राम जी के भजन, हनुमान जी को भाए, हनुमान जी को भाए, नाम राम का सुनके, दौड़े दौड़े वो आए, रटते यही नाम, सुबह शाम आठो याम रे, पल में बनाएंगे, तेरे बिगड़े काम रे, तेरे बिगड़े
गली गली ढूंढा, वन वन ढूंढा, कहा कहा ढूंढा राम, सब जग ढूंढा मैंने, मन नहीं ढूंढा, जहा मिला मेरा राम। मुझमे राम तुझमे राम सबमे राम समाया, सबसे करलो प्रेम यहां कोई नहीं पराया, यहां कोई नहीं पराया। ◾️ एक बाग़ के फूल हैं सारे,एक हार के मोती, जितने हैं संसार में प्राणी,सबमे एक
प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी जाकी अंग-अंग बास समानी (इस भजन में भक्त ने भगवान के साथ ऐसे सुन्दर-सुन्दर सम्बन्ध जोड़े है की, न तो भक्त भगवान से दूर रह सकते है, और ना ही भगवान भक्त से दूर रह सकते है।) ◾️ प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा जैसे चितवत चंद चकोरा
बिगड़े हरेक काम को उसने बना लिया जिसने भी हनुमान को मन से मना लिया।। ◾️अंजनी माँ के लाल की महिमा महान है महिमा महान है कलयुग में पूजे आपको सारा जहान है सारा जहान है एक बार जिसने शीश को एक बार जिसने शीश को दर पे झुका लिया जिसने भी हनुमान को मन