मैने ध्यान तेरा ही किया है, मैने नाम तेरा ही लिया है, मैने ध्यान तेरा ही किया है, मैने नाम तेरा ही लिया है, अब चाहे जो हो जाये, बाबा तेरा ही नाम जपूं शरण मेँ, मैँ तेरी तरूँ॥ तेरा ही… मैने ध्यान तेरा ही किया है, मैने नाम तेरा ही लिया है, ◾️मुराद यही
ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे जय जयकार मनाएंगे तेरी जय जयकार मनाएंगे ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे।। करम खोल दे उन भक्तो के जो द्रष्टि से वंचित है द्रष्टि अगर मिल जाएगी तो तेरा दर्शन पाएंगे ओ मेरे बाबा बजरँगी तेरी जय जयकार मनाएंगे।। करम खोल दे उन भक्तो
मेरे राम श्रीराम कुटिया में कब पधारेंगे। बूढी भिलनी को प्रभु कब उधारेंगे। मेरे.. ◾️ नाना पुष्पों से रस्ता सजाऊँगी में, राम ही राम बस गुनगुनाउंगी में। उनका श्रृंगार कर हम सवाँरेंगे, मेरे राम श्रीराम कुटिया में कब पधारेंगे। ◾️ पैर धोकर के मैं चरणामृत पाऊँगी, दोनों कर जोड़कर उनको सर नाउंगी। काला तिल देके
बोलो तो सही, बोलो तो सही..2 क्यूँ रूस्या हो बाबा, आनख्या खोलो तो सही, बोलो तो सही, बोलो तो सही..2 यह अर्जी म्हारी है, पर मर्ज़ी थारी है, थारे से सावरिया, ये यारी पुरानी है, टाबरिया के कानी मुंडो मोडो तो सही क्यूँ रूस्या हो बाबा, आनख्या खोलो तो सही, बोलो तो सही, बोलो तो
मेहंदीपुर दरबार निराला, हो रही जय जयकार, तेरी जय हो अंजनी लाल, तेरी जय हो अंजनी लाल।। ◾️सियाराम के भक्त हो प्यारे, माँ अंजनी के लाल दुलारे, भक्तो के बस तुम हो सहारे, करते पल में वारे न्यारे, संकट मोचन नाम है तेरा, सुन लेना दातार, तेरी जय हो अंजनी लाल, तेरी जय हो अंजनी
ओ मारुती ओ हनुमंता तेरा एक सहारा दूर करो दुःख सारा।। बात पुरानी है एक कहानी है सूरज को तूने मुख में लिया था देवो ने की थी अर्जी चली थी तेरी मर्जी छोड़ दिया तूने रवि को मुख से मिटा दिया अँधियारा दूर करो दुःख सारा ओ मारुती ओ हनुमंता दूर करो दुःख सारा
मेरे हनुमान तुझे प्रणाम, मेरे हनुमान तुझे प्रणाम, भक्तोँ का तू सहाई बिगड़े बनाये काम, मेरे बजरंग तुझे प्रणाम॥ ◾️तेरा जलवा खूब ओ तेरी महिमा खूब, क्या राजा क्या भिखारी सबपे रहता, है तू मेहरबान … मेरे हनुमान …॥ सबसे अमीर तू है मेरी तकदीर तू है, दर का फकीर हूँ मैँ बंदा अकीर हूँ
मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले, हर घड़ी हर पल राम राम निकले।। ◾️ मन मंदिर में ज्योत जगाउंगी, प्रभु सदा मैं तेरे गुण गाउंगी, मेरे रोम रोम से तेरा नाम निकले, मेरे रोम रोम से तेरा नाम निकले, हर घड़ी हर पल राम राम निकले, मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकलें, हर
मेरा बजरंग सोटे वाला, सारे जग से निराला, श्री राम का है वो दीवाना, कहे सारा जमाना, संकट हरता, दुखड़े हरता, नहीं किसी से डरता, मेरा बजरंग सोटे वाला, सारे जग से निराला।। ◾️चैत्र सुदी पूनम का दिन, ये हनुमान को लाया, चैत्र सुदी पूनम का दिन, ये हनुमान को लाया, कहीं सालासर कहीं मेहंदीपुर,
ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान काँधे पर दो वीर बिठाकर चले वीर हनुमान।। श्लोक – दुर्गम पर्वत मारग पे निज सेवक के संग आइए स्वामी भक्त के काँधे पे आन बिराजिए भक्त का मान बढ़ाइए स्वामी।। ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान