भोले तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर, जु दामिनी उजाला, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा॥ ◾️गल में मुंड माला की साजे, शशि भाल में गंग विराजे, डम डम डमरू बाजे, कर में त्रिशूल धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती
दौड़ा जाये रे समय का घोडा शिव शिव शिव शिव रट ले रे बन्दे, जीवन है ये थोड़ा, दौड़ा जाये रे समय का घोडा॥ ◾️ना तेरा ना मेरा बाबु, इस घोड़े पर प्रभु का काबू, ना तेरा ना मेरा बाबु, इस घोड़े पर प्रभु का काबू, परम पिता ही इससे चलता, परम पिता ही इससे
लाल लाल चोला चढ़ाओ प्यारे वीर बलि हनुमान करदे वारे न्यारे जिनका सालासर में धाम जिनका मेहंदीपुर में धाम जिनका सालासर में धाम जिनका मेहंदीपुर में धाम ये तो पापी से भी पापी को पल में तारे लाल लाल चोला चढ़ाओ प्यारे वीर बलि हनुमान करदे वारे न्यारे ◾️बोलिये बजरंग बलि की जय चाहे मंगल
कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, ◾️श्लोक- एक बिलपत्रम एक पुष्पम, एक लोटा जल की धार, दयालु रीझ के देते है, चंद्रमोली फल चार, व्याघाम्बरं भस्माङ्गरं, जटा जुट लिबास, आसन जमाये बैठे है, कृपा सिंधु कैलाश। कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, नमो बार बार हूँ, आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू,
भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, श्लोक भँवर में नाव पड़ी है, बिच मजधार हूँ मैं, सहारा दीजिये आकर, की अब लाचार हूँ मैं॥ ◾️भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, हे कैलाश पति हूँ तुम्हारी शरण॥ ◾️सुना है आपका जिसने कभी पुकार किया, तो उसका आपने संकट से है
है बलकारी और ब्रम्हचारी, अवतारी जो नाथ भुजंगी है, कोई और नही है वो मेरा, सालासर का बजरंगी है।। ◾️संकटहर्ता मंगलकर्ता, ये बल बुद्धि का दाता है, ये बल बुद्धि का दाता है, सिया राम ही राम रटें हरदम, ये भक्त बड़ा सत्संगी है, कोई और नही है वो मेरा, सालासर का बजरंगी है।। ◾️योद्धावि
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया, प्यासे पिया को लेने चली पनिया, गौरा बनी रे जोगनिया, भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया॥ ◾️चलते चलते मन गौरा का, यहाँ वहाँ था डोला रे, शिव शंकर से मन ही मन में, उसने था ये बोला रे, अपनी बना ले मुझे जोगनिया, गौरा बनी रे जोगनिया,
चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा, चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा, तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा, खुशियो का उपहार मन माना पाएगा, चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा ॥ ◾️मत फिरना बेकार जगत में, माया के जंजालो में, बीत रहे दिन व्यर्थ तुम्हारे, पल पल क्षण क्षण सालो में नर तन क्या हर
हे सालासर हनुमान, संसार ने माना है, सारे जग में नाम तेरा, तू अति बलवाना है।। ◾️कही आज तलक देखा, तुम जैसा विर नही, तुम चिर दिए सीना, नैनो में नीर नही, तुम जैसा भक्त नही, माँ ने पहचाना है, है सालासर हनुमान, संसार ने माना है।। ◾️जब देखा सीने में, तेरे राम समाया है,
खाइके भांग धतूरे का गोला,, हो जाये मस्त शिव शंकर भोला। श्लोक अरे भस्मी अंग अंग रमाकर, फिर लिया धूणा लगाय। भंग के प्याले भर भर गटके, मस्त मग्न हो जाय॥ खाइके भांग धतूरे का गोला,, हो जाये मस्त शिव शंकर भोला। फिर तो ऐसा करे कमाल,, भक्तोँ को करदे मालामाल, भोला गंगा को लाने