मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले।

मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले, दुःख से मुझे उबारो पाँवो में पड़ गए छाले, मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले॥ ◾️फसीं है भवरो में नैया, बिच मजधार हूँ मैं, सहारा दीजिये आकर, की अब लाचार हूँ मैं, उठते नही कदम अब, थक गए है काशीवाले, मैं हूँ शरण

आसरा एक तेरा एक तेरा सहारा आसरा एक तेरा एक तेरा सहारा

आसरा एक तेरा एक तेरा सहारा आसरा एक तेरा एक तेरा सहारा सुनले फरियाद मेरी आ मुझे दे किनारा आसरा ऐक तेरा एक तेरा सहारा।। ◾️ जख्मी जग ने किया है घाव किसको दिखाऊ कोई अपना नही है हाल किसको सुनाऊ एक तुझपे ही बाबा जोर चलता है मेरा आसरा ऐक तेरा एक तेरा सहारा।।

आसन लगाके रखना अंगना सजाके रखना।

आसन लगाके रखना, अंगना सजाके रखना। आसन लगाके रखना, अंगना सजाके रखना। आयेँगे बजरंग बली, सिन्दूर मिलाके रखना॥ आसन लगाके रखना, अंगना सजाके रखना। वीर बड़ा बलकारी, शिव शंकर का अवतारी। सियाराम का है प्यारा, भक्तोँ का हितकारी। महावीर बजरंगी, संकट मोचन कहलाते। भक्तोँ के सदा सहाई, दुष्टोँ को मार भगाते। इनपे भरोसा रखना, ध्यान

आज मंगलवार है महावीर का वार है ये सच्चा दरबार है

आज मंगलवार है महावीर का वार है ये सच्चा दरबार है सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है।। चैत्र सुदी पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है लाल लंगोट गदा हाथ में सर पर मुकुट सजाया है शंकर का अवतार है महावीर का वार है सच्चे मन से जो कोई ध्यावे

आओ हनुमानजी मेरे घर पूरी कर दो प्रभु आस मेरी

आओ हनुमानजी मेरे घर पूरी कर दो प्रभु आस मेरी कर दो मुझपे दया की नजर पूरी कर दो प्रभु आस मेरी।। याद कर लो प्रभु उस घड़ी को दर्श दिया गणेश पूरी को बाबा ने समाधी लगाई सेवा दी जब किशोर पूरी को किशोर पूरी को किया मोहन को तुमने अमर पूरी कर दो

आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते हैं।

यह भजन “लौट के आजा हनुमान तुझे श्री राम बुलाते है” हमें हनुमान जी की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताता है। इस भजन के माध्यम से हम श्री राम और हनुमान जी के भक्त बनने के लिए प्रेरित होते हैं लौट के आ लौट के आ आ लौट के आजा हनुमान तुझे श्री राम

अंजनी माँ थारो लाल कठे वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे

अंजनी माँ थारो लाल कठे, वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे, वो संकट मोचन नाम कठे, दुनिया में बढ़ ग्यो पाप घणो, दुनिया में बढ़ ग्यो पाप घणो, वो राम भगत हनुमान कठे, अंजनी माँ थारो लाल कठे, वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे, वो संकट मोचन नाम कठे।। धरती रो पाप मिटावण ने, अब पड़ी जरुरत

अंजनी के लाला सुनो दिन दयाला शरण पड़ा हूँ मुझे देदो सहारा

अंजनी के लाला सुनो दिन दयाला, शरण पड़ा हूँ मुझे देदो सहारा, तेरा द्वारा सबसे न्यारा, लगता मुझको प्यारा, अंजनी के लाला सुनो दिन दयाला, शरण पड़ा हूँ मुझे देदो सहारा।। सालासर तेरा भवन बिराजे, महिमा है अति भारी, झालर शंख नगाड़ा बाजे, पूजे नर और नारी, मेरी भी अर्जी सुन लेना बाबा, शरण पड़ा

अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला कोई ना तुमसा बलि

अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, कोई ना तुमसा बलि, सुमिरन करे जो, ध्यान धरे जो, करता तू उसकी भली, है सालासर में, धाम तुम्हारा, भक्तो का प्यारा तू,राम दुलारा, शीश झुकाता आ संसार सारा, अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, कोई ना तुमसा बलि।।\बज रहा जगत में डंका

कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है

कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है, देखो देखो आ गया बजरंग बाला है, जहाँ जहाँ कीर्तन प्रभु का होता है, नाचे हनुमत होकर के मतवाला है, कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है, देखो देखो आ गया बजरंग बाला है।। पाँव में घुँघरू बँधे है, हाथ में करताल, ठुमक ठुमक कर झूमता है, अंजनी