श्री रघुवर कोमल कमलनयन को, पहनाओ जयमाला। यह पुण्य महूर्त स्वर्णिम अवसर, फिर नहीं आने वाला पहनाओ जयमाला। श्री रघुवर कोमल कमलनयन को, पहनाओ जयमाला। पहनाओ जयमाला। ◾️ दो चार चरण चलते चलते, श्री रघुवर तक ऐसे पहुंचे जो छुईमुई के पल्लव हो, सिमटे सिमटे सकुचे सकुचे श्री राम चकित चित में सीता का, अदभुत
बजरंगबली तेरा हम दर्श अगर पाएं। हे राम भक्त तेरे चरणों में लिपट जाए॥ ◾️अंजनी के लाल जग में तेरी महिमा भारी है। हे पवन पुत्र तुम तो शंकर अवतारी है। बिन देखे तेरी सूरत अब चैन नहीं आए॥ बजरंगबली तेरा…। ◾️सूरज ने निगल कर के, बजरंगी कहलाए। लंका को जला कर के सीता की
वन वन भटके राम, वन वन भटके राम।। चौपाई– आश्रम देखि जानकी हीना। भए बिकल जस प्राकृत दीना।। ◾️ विरह व्यथा से, व्यतीत द्रवित हो, बन बन भटके राम, बन बन भटके राम, अपनी सिया को, प्राण पिया को, पग पग ढूंढे राम, विरह व्यथा से, व्यतीत द्रवित हो,बन बन भटके राम, बन बन भटके
थारो राम बिलखै थारी बाट निरखै भाई लाडलो जमीन ऊपर सोय रयो बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो ◾️नाही कोई दिन देख्यो, देखि नाही रात नै बन बन सागे डोल्यो, आंधी बरसात में म्हारे कालजे रो कोर सुध खोय रयो बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो ◾️रघुकुल री आन ताईं, लड़यो मेघनाथ स्यूं
राहों में नज़र रखना, होठों पे दुआ रखना आ जाये प्रभु शायद, दरवाज़ा खुला रखना ◾️ भूलूँ ना कभी पल भर मैं नाम तेरा भगवन चरणों में सदा अपने मेरे मन को लगा रखना राहों में नज़र रखना… ◾️ क्यों भव में भटकने की देते हो सजा सबको दुस्वार है पल भर भी तेरे रहम
हनुमान को खुश करना आसान होता है हनुमान को खुश करना आसान होता है..2 सिंदूर चढ़ने से हर काम होता है..2 हनुमान को खुश करना आसान होता है हनुमान को खुश करना आसान होता है..2 ◾️करले भजन दिल से हनुमान प्यारे का..1 जिसको भरोसा है अंजनी दुलारे का..1 वाहा आनंद है जहां इनका गुणगान होता..1
बम बम ल़हरी, शिव शिव ल़हरी, सब गायें, श्लोक शेष नाग को गलपता कियो, शंकर गए कैलाश, अखण्ड तपस्या धारण की, जय जय जय भोले नाथ॥ ◾️शिव समान दाता नही, विपत निवारण हार, अब लज्जा मोरी राखियो, शिव नंदी के असवार॥ ◾️बम बम ल़हरी, शिव शिव ल़हरी, सब गायें, अगड़ बम शिव ल़हरी, बम-बम ल़हरी,
सभी देव देते दुनिया में, पल्ला झाड़ के मेरे बालाजी देते है भक्तो, छप्पर फाड़ के।। एक भक्त कुटिया मांगी, दे दिया तुरंत मकान किसी ने मांगी दो रोटी तो, खुलवा दी दुकान मेहंदीपुर में बैठा है ये तो, झंडा गाड़ के, मेरे बालाजी देते है भक्तो, छप्पर फाड़ के।। एक पते की बात बताऊँ,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे देख लो मेरे दिल के नगीने में॥ ◾️श्लोक- ना चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभिषण ताना ना सह पाऊं क्यूँ तोड़ी है ये माला तुझे ए लंकापति बतलाऊं मुझमें भी है तुझमें भी है सब में है समझाऊँ ऐ लंकापति विभीषण ले देख मैं तुझको आज दिखाऊं॥
राम दीवाने बजरंगी, की महिमा गाएगा, हनुमान की किरपा से, तू मौज उड़ाएगा, मनाले महावीर को प्यारे, जगाले तक़दीर को प्यारे।। ◾️सेवक है ये राम का, राम भजन करने वाला, तेरी सारी चिंता को ये, दूर करे अंजनी लाला, तेरे कष्ट मिटाए, बजरंगी, भव पार लगाए, बजरंगी, जब जब याद करेगा अपने, पास ही पाएगा,