प्रभु इतना ध्यान देना, जब अंत समय आये, भोले इतना ध्यान देना, जब अंत समय आये, ओ भोले इतना ध्यान देना, जब अंत समय आये, दर्शन का दान देना, जब अंत समय आये, भोले इतना ध्यान देना, जब अंत समय आये।। ◾️भावना मेरे मन की, भावुक होकर बोली, इस मन में वास करे, भोले की
नाथ मै तो हार गई, घोट के भांग तुम्हारी, हम तो हुए पराए स्वामी, हम तो हुए पराए स्वामी, भांग लगे तुम्हे प्यारी, नाथ मै तो हार गई, घोट के भांग तुम्हारी।। ◾️हरी हरी भांग की बूटी देखो, हरी हरी भांग की बूटी देखो, सौतन बनी हमारी, जंगल छोड़ के खोए दिए इसने, बोए बोए
ना दिया ना दिया कह रहा नादिया, ना दिया ना दिया कह रहा नादिया।। ◾️शिव शंकर डमरू वाले, तुम मेरे पड़ गए पाले, तुम्हे घुमा घुमा कर भगवन, मेरे पाँव में पड़ गए छाले, तूने सबको दिया पर मुझे ना दिया, तूने सबको दिया पर मुझे ना दिया, यूँ बोले नादिया, ना दिया ना दिया
दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद, देख ले मांग के मांग के, तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा, तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा।। ◾️दिन दयालु कहे इसको जमाना, काम है इसका किस्मत जगाना, भोले के दर पे जिसने अर्जी लगाई है, हाथो ही हाथ हुई उसकी सुनाई है, देख ले मांग
डमरू वाले भोले बाबा, कर दो दया हे शिव भोले दानी।। ◾️नाम तेरा जपति है दुनिया, गाते है बम बम सब जग के प्राणी, डमरू वाले भोले बाबा, कर दो दया है शिव भोले दानी, आया हूँ दर पे विनती सुनाने, नैनो में अपने भरकर के पानी, डमरू वाले भोले बाबा, कर दो दया हे
डमरू वाले डमरू बजा, गंगा माँ को धरा पे तू ले आ, सब दुखड़े तू मिटा, डमरू वाले डमरू बजा।। ◾️धरा पे निकली जब गंगा माई, उसको जटा में समाये, हे शिव जो गंगा मुक्त करो ना, कैसे ये जग मुक्ति पाए, ये पाप मिटाये, ये मुक्ति दिलाये, सुनो जी शिव भोले भाले, डमरू वालें
डमरू बजाने वाले, जय हो जय भोले भंडारी, लीला अनोखी तुम्हारी, भोले लीला अनोखी तुम्हारी।। ◾️पावन गंगा को तुमने, जटा में समाया, मस्तक पे चन्द्रमा को, तुमने सजाया, तन पे भभूति सोहे, सर्पो की माला, बस्ती को छोड़कर डेरा, कैलाश पर डाला, छोड़े हाथी और घोड़े, नंदी की अजब सवारी, लीला अनोखी तुम्हारी, भोले लीला
जिस दिन बाबा तेरा दर्शन होगा, उस दिन सफल मेरा जीवन होगा, तन मन मेरा तुझको अर्पण होगा, जिस दिन बाबा तेरा दर्शन होगा, उस दिन सफल मेरा जीवन होगा।। ◾️मेरे मन के मंदिर में मैं तुझको बिठाऊंगा, भाव भरे उपहार तेरे चरणों में चढ़ाऊंगा, असुवन की धारा से वंदन होगा, उस दिन सफल मेरा
जानता है सब हाल तू मेरे, फिर भी आकर द्वार पे तेरे, फरियाद मै करूँगा, फरियाद मै करूँगा, जानता है सब हाल तू मेरे।। ◾️आदि भी तू मध्य भी तू, अंत भी तू अनंत भी तू, भोलेनाथ,,, मेरे नाथ आकर तेरे द्वार, फरियाद मै करूँगा, फरियाद मै करूँगा, जानता हैं सब हाल तू मेरे, फिर
छाई सावन की घटा, कांधे पे कांवड़ उठा, ध्यान चरणों में लगा, चल शिव के द्वारे।। ◾️शिव बड़े दातार है, जाने क्या से क्या करे, भक्त जो महाकाल का, काल से वो क्यों डरे, चल जरा विनती सुना, बिगड़ी अपनी ले बना, कांधे पे कांवड़ उठा, चल शिव के द्वारे। छाई सावन की घटा, कांधे