माँ की ममता मैया से मांगे, मुझे पुत्र मिले, शरवण की तरह, और भाभी मांगे देवर, लक्ष्मण की तरह।। ◾️गुरु बिन ज्ञान कहाँ से लाऊँ, गुरु से बड़ा ना कोई, जो गुरु की सेवा है करता, सच्चा चेला वो ही, गुरुवर मांगे मुझे शिष्य मिले, मुझे शिष्य मिले एकलव्य की तरह, और भाभी मांगे देवर,
गजानंद वंदन करते है, आज सभा में स्वागत है, अभिनंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, वंदन करते है, आज, अभिनंदन करते है, वंदन करते है, आज, अभिनंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, गजानंद वंदन करते है।। देव तुमसा ना दूजा, प्रथम हो तेरी पूजा, नाम तेरे का डंका, आज
मैया का जादू है, सर चढ़कर बोलेगा।। भगत तू ना जइयो, ना जइयो, मैया वैष्णो के द्वार, वहां पर बैठी है बैठी है, हम सबकी पालनहार, तू बन के बावरा कटरा की, गलियों में घूमेगा, मैया का जादू हैं, सर चढ़कर बोलेगा।। ◾️जिसको आएगा बुलावा, वो ही जा पाएगा, उसको जाने से भला, कोन रोक
गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है। – श्लोक – प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात, मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥ गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है।। थे आवो ज़द काम बणेला, था पर म्हारी बाजी है, रणत भंवर गढ़
परमेश्वर प्रथमेशा गजानन जगदीशा नमितो तुज आदी देवा हृदयांच्या हे नरेशा एकदंत लंबोदर, कटीस शुभ पितांबर अति पावन, अति सुंदर, तव स्वरूप हे गणेशा विघ्नेश्वर तू विधाता अनुरागी तू अनंता करुणाकर तू कृपाळा, वरदरूप विद्याधीशा visited: 2,270
मैं तो जागरण रखायो, माजीसा रे नाम को, आई शुभ घड़ी आई, म्हारे आंगणिये रे माय, थे तो आओ नी पधारो, म्हारे आंगणिये रे माय, आई शुभ घड़ी आई, म्हारे आंगणिये रे माय।। ◾️पाठ पुरायो माजीसा रे नाम को, जोत जगाई माजीसा रे नाम की, पाठ पुरायो माजीसा रे नाम को, जोत जगाई माजीसा रे
गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है, गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है, तू ही खिवैया जग का तू ही पतवार है, गजानन्द नाव मेरी पड़ी मजधार है।। तुम ही रिद्धि सिद्धि के दाता, गजानंद पार करना, नाव है बिच भंवर में, मेरा उद्धार करना, अब तो तेरे भरोसे हो ओ ओ, मेरा परिवार है, गजानन्द
थारो धाम से प्यारो, कोई धाम नही है दूजो, माजीसा रा परचा भारी जग में, थारो धाम से प्यारो, कोई धाम नही है दूजो, भटियाणी माजीसा, जसोल री धनियारी, मै आया थारे द्वार, माजीसा दर्शन दे दीजो।। ◾️माजीसा म्हारी थारे, दुखिया आवे, दुखियारा थे तो दुखड़ा मिटावो, सोनी के गयो ऐ माजीसा म्हारी ऐ, थारे
गजानंद तुम्हारे चरणों में, एक प्रेम पुजारी आया है, गजानंद तुम्हारे चरणों में, एक प्रेम पुजारी आया है, एक प्रेम पुजारी आया है, तेरे द्वार भिखारी आया है।। मेरे हाथो में फूलो की माला है, ये तुझे पहनाने आया है, गजानंद तुम्हारे चरणो में, एक प्रेम पुजारी आया है।। मेरे हाथो में जल का लौटा
गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप किया, ऐसे पुजारी का स्वयं तुमने सिध्द मनोरथ आप किया॥ तुझ चरणों की ओर लगन से, जो साधक बन जाता है, सौ क़दम तु चलके दाता, उसको गले लगाता है, अंतरमन के भाव समझ के, काज सदा चुपचाप किया, गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप