गणपति राखो मेरी लाज पूरण कीजो मेरे काज

गणपति राखो मेरी लाज, – श्लोक – जय गणेश, गणनाथ दयानिधि, सकल विघन, कर दूर हमारे, मम वंदन स्वीकार करो प्रभु जी, चरण शरण हम , आये तुम्हारी, जय गणेश, गणनाथ दयानिधि। गणपति राखो मेरी लाज, पूरण कीजो मेरे काज।। सदा रहे खुशहाल गणपति लाल, जो प्रथमे तुम्हे धियावे, रिध्धि सिद्धि के दाता ओ भाग्यविधाता,

अमृत की बरसे बदरिया अम्बे माँ की दुअरिया।

अमृत की बरसे बदरिया, अम्बे माँ की दुअरिया, अमृत की बरसे बदरिया, ओये मेरी माँ की दुअरिया।। ◾️दादुर मोर पपीहा बोले, पपीहा बोले पपीहा बोले, कूके काली कोयलिया, अम्बे माँ की दुअरिया, अमृत की बरसें बदरिया, ओये मेरी माँ की दुअरिया।। ◾️शीश मुकुट कानों में कुण्डल, सोवे लाल चुनरिया, अम्बे माँ की दुअरिया, अमृत की

गणपति राखो मेरी लाज पुरण कीजो

गणपति रखो मेरी लाज पुराण कीजो मेरे काज गणपति रखो मेरी लाज पुराण कीजो मेरे काज तू भक्तो का प्यारा है सबका पालन हार है सुख दयाक भाये हरी तू करता मूषक सवारी तू तू ही विघ्न विनाशक है दीं जानो का रक्षक है तेरा ही हम नाम जापे तुझको हम प्रणाम करे सदा रहे

गणपति पधारो ताता थैया करते

गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते।। केवड़ा गुलाब जल से, खूब धोया आंगणा, चन्दन की चौकी ऊपर, मखमल का बिछोना, पार्वती लाला आकर, आसन लगाइये, रिद्धि और सिद्धि को भी, संग लेकर

नवराते आ गए अँगना बुहारो माँ का।

नवराते आ गए, अँगना बुहारो माँ का, भवन सवारों, झोंके पुरवईया के, बतला गए, नवराते आ गए, शेरावाली माई सदा, भक्तो की सहाई गाए, महिमा जो दर्शन पा गए, नवराते हो ओ,,,, नवराते आ गए।। ◾️भाये भक्तो के मन को, अश्विन महीने के ये नो दिन, माता दुर्गा भवानी की, घर घर में हो पूजा

गणपति जी गणेश नू मनाइये

गणपति जी गणेश नू मनाइये, सारे काम रास होणगे, हर काम नाल पहला ही धियाइये, सारे काम रास होणगे, गणपति जी गणेश नू ध्याइये, सारे काम रास होणगे, सारे काम रास होणगे।। गौरा माँ दा मान है गणपत, शिव जी दा वरदान है गणपत, पेहला लड्डूवा दा भोग लगाइये, सारे काम रास होणगे, गणपति जी

गणपति गजवदन विनायक, थाने प्रथम मनावा जी

गणपति गजवदन विनायक, थाने प्रथम मनावा जी, आना कानी मत ना करीयो, थारी किरपा चावा जी, गणपति गजवदन वीनायक, थाने प्रथम मनावा जी।। माथे मुकुट निरालो थाने, पार्वती का लाल कहावो, गणपति दुंद दुन्दाला है, रिद्धि सिद्धि थारे संग में सोहे, मूसे की असवारी है। गणपति गजवदन वीनायक, थाने प्रथम मनावा जी, आना कानी मत

स्वर्ग की सीढियाँ है तेरी सीढियाँ।

स्वर्ग की सीढियाँ है, तेरी सीढियाँ, सबको मिलती कहाँ माँ, तेरी सीढियाँ, सबको मिलती कहाँ माँ, तेरी सीढियाँ, स्वर्ग की सीढियाँ है, तेरी सीढियाँ।। ◾️माँ और बेटे में, करवाए ये ही मिलन, माँ और बेटे में, करवाए ये ही मिलन, बहुत ही मेहरबां है, तेरी सीढियाँ, स्वर्ग की सीढिया है, तेरी सीढियाँ।। ◾️रास्ते से कोई

माँ तेरे लाल बुलाए आजा सुनले भक्तो की सदाए।

माँ तेरे लाल बुलाए आजा, सुनले भक्तो की सदाए आजा, माँ तेरे लाल बुलाए आजा, सुनले भक्तो की सदाए आजा।। ◾️तेरे बिन माँ कोई हमारा नहीं, हमें माँ किसी का सहारा नहीं, माँ तुझ बिन किसी को पुकारा नहीं, है तेरे सवाली मैया तुझसे ही सवाल है, तेरे बिन बच्चो का हुआ माँ बुरा हाल

गणपति आयो बापा रिद्धि सिद्धि लायो

गणपति आयो बापा, रिद्धि सिद्धि लायो, गजानंद आयो, रिद्धि सिद्धि लायो, गणपति आयो बापा, रिद्धि सिद्धि लायो, गजानंद आयो, रिद्धि सिद्धि लायो।। शिव जी नो बाल आयो, उमिया नो लाल आयो, आयो रे आयो बाबो, लम्बोदर आयो, गणपति आयो बाबो, रिद्धि सिद्धि लायो, निर्भय वाला थे तो, नाम सुणायो, गजानंद आयो, एकदन्त आयो, गजानंद आयो,