मैं तो लाई हूँ दाने अनार के मेरी मैया के नौ दिन बहार के।

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के, मेरी मैया के नौ दिन बहार के।। ◾️टैंट वाले तेरा क्या जाएगा-३, मेरी मैया का पंडाल बन जाएगा, मै तो लाई हूँ दाने अनार के, मेरी मैया के नौ दिन बहार के।। ◾️बिजली वाले तेरा क्या जाएगा-३, मेरी मैया का भवन जग मगाएगा, मै तो लाई हूँ दाने

जहाँ आसमां झुके जमीं पर सर झुकता संसार का।

जहाँ आसमां झुके जमीं पर, सर झुकता संसार का, वही पे देखा हमने जलवा, माँ तेरे दरबार का।। ◾️इक तिरकुट पर्वत प्यारा, जहाँ पे भवन विशाल, गुफा बनी एक सुन्दर सी, बजे घंटे घड़ियाल, स्वर्ग सा सुख वहां, नहीं कोई दुःख वहां, बराबर मिलता है सबको, भिखारी हो या कोई राजा, जहाँ आसमां झुके जमी

तेरी जय जगदम्बे तेरी जय जय अम्बे।

तेरी जय जगदम्बे, तेरी जय जय अम्बे, तेरा पचरंग चोला मन भाये, चुंदरिया की झालर, करे झिलमिल झिलमिल, तुझे देखके देवता हर्षाए, तेरी जय जगदम्बे, तेरी जय जय अम्बे।। ◾️ब्रम्हा विष्णु मनाए, तुझे मैया, रिझावे तुझे शिव शंकर, ब्रम्हा विष्णु मनाए, तुझे मैया, रिझावे तुझे शिव शंकर, भैरव चवर ढ़ुलावे तुझको, धूम है तेरी घर

गिरिजानंदन शिव के दुलारे

गिरिजानंदन शिव के दुलारे रिद्धि सिद्धि के दाता प्रथम पूज्य हो तुम देवो में कार्तिकेय के भ्राता गिरिजानंदन शिव के दुलारे रिद्धि सिद्धि के दाता प्रथम पूज्य हो तुम देवो में कार्तिकेय के भ्राता एक बार शंकर से पूछा पुत्रो ने भरमाये प्रथम पूज्य कौन है सुरो में हमको बताये कथा है इसकी बड़ी निराली

मैं तो देख आई सारे दरबार मैया का भवन प्यारा लगे।

मैं तो देख आई सारे दरबार, मैया का भवन प्यारा लगे, मुझे भाये नहीं कोई द्वार, मैया का भवन प्यारा लगे, मै तो देख आई सारे दरबार, मैया का भवन प्यारा लगे।। ◾️जग जननी रण चंडी, अम्बे माँ काली, वो मेहरा वाली है, वो शेरा वाली, हो ओ ,, सुने भक्तो के, सुने भक्तो के

गये गणपति जगवंदन

गये गणपति जगवंदन……2 शंकर सुवन भवानी नंदन……2 गये गणपति जगवंदन…… शंकर सुवन भवानी नंदन सिद्धि सदन गजवदन विनायक……2 कृपा सिंधु सुन्दर सब नायक शंकर सुवन भवानी नंदन……2 गये गणपति जगवंदन मोदहा प्रिय मुद मंगल दाता……4 विद्या वारिधि बुद्धि विधाता शंकर सुवन भवानी नंदन……2 गये गणपति जगवंदन माँगत तुलसीदास कर जोर……3 बसहि रामसिया मानस मोरे शंकर

तूने मारे चण्ड मुण्ड शुम्भ निशुम्भ तेरी जय जय मात भवानी।

तूने मारे चण्ड मुण्ड, शुम्भ निशुम्भ, तेरी जय जय मात भवानी, तेरी जय जय जय कल्याणी।। तूने मारे चण्ड मुण्ड, शुम्भ निशुम्भ, तेरी जय जय मात भवानी, तेरी जय जय जय कल्याणी, तेरी जय जय मैया रानी, हे जगजननी जगदम्बे ज्वाला, दुर्गा वैष्णो रानी, तेरी जय जय जय कल्याणी, तेरी जय जय मात भवानी।। जय

गणराज विनायक आओ म्हारी सभा में रंग बरसाओ

गणराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ, महाराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ।। रणत भवन से आवो नी गजानन, संग में रिद्धि सिद्धि ल्यावो, महाराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ। गणराज विनायक आवो, म्हारी सभा में रंग बरसाओ, महाराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ।। ब्रम्हा जी आवो देवा

द्वारे चलिए मैया के द्वारे चलिए।

द्वारे चलिए मैया के, द्वारे चलिए, ले आया सावन का महीना, लेने नज़ारे चलिए, द्वारे चलिए मैया के, द्वारे चलिए।। ◾️रिमझिम रिमझिम सावन बरसे, आई रुत मतवाली, जय माँ जय माँ कोयल बोले, बैठ आम की डाली, ऊँचे पर्वत भवन सुनहरा, छाई है हरियाली, पिंडी रूप विराजे मैया, भक्तो की प्रतिपाली, ले आया सावन का

गणपति विघ्न विनाशन हरे

जय जय गणपति जय गणपति जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे जय जय गणपति जय गणपति जय गणेश जय गणपति जय