November 10, 2017
सबसे ऊंची प्रेम सगाईVerified Lyrics
Sabse Unchi Prem Sagai
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Singer(गायक): Jagjit Singh
सबसे ऊंची प्रेम सगाई
दुर्योधन के मेवा त्याग्यो,
साग विदुर घर खाई।
जूठे फल शबरी के खाये,
बहु विधि स्वाद बताई।
राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा,
तामे जूठ उठाई।
प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो,
भूल गये ठकुराई।
ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन,
गोपियन नाच नचाई।
प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं,
आप बने हरि नाई।
सूर क्रूर एहि लायक नाहीं,
केहि लगो करहुं बड़ाई।