May 20, 2019
रुकमणी जीमण दे मने, भक्तों का प्रशाद,Lyrics Verified
Rukmani Jiman De Mane Bhakto Ka Parshad.
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Singer(गायक): Suraj Narayan Swami
टेर : रुकमणी जीमण दे मने, भक्तों का प्रशाद, प्रेम वाला भोजन ऐ मने, लगे बड़ा स्वाद।।
काचे चावल मत ना खाओ, कर से कृपा निधान।
कच्चे-कच्चे चावलों से पेट दुखेगा कहा मेरा ले मान।।
रुकमणी जीमण दे….
धन्ने भगत की गउए चराई, बाजरे की रोटियां खाई।
अपने भक्त के खेत बाजरी, बिना बीज निप जाई।।
रुकमणी जीमण दे….
दुर्योधन का मेवा त्याग्या, साग विदुर घर खायो।
कर्मा के घर खीचड़ खायो, रुच रुच भोग लगायो।।
रुकमणी जीमण दे….
सेन भगत का सांसा मेट्या, नाम को छपरो छायों।
नरसी भगत को भरयो मायरों, कंचन मेह बरसायो।।
रुकमणी जीमण दे….
अर्ध रैन गजराज पुकारयो, दोड़यो दोड़यो आयो।
अन्नक्षेत्र श्रीराम मंदिर के, भगतों के मन भाये।।
रुकमणी जीमण दे….
साधु संतो की लड़िया कड़िया, जोड़ तोड़ लिख पायो।
सूरज नारायण स्वामी बालाजी, नित उठ भोग लगायो।।
रुकमणी जीमण दे….