कान्हा की दीवानी, मीरा हो गई बदनाम।।
Kanha Ki Diwani, Meera Ho Gai Badnaam
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Singer(गायक): लखबीर सिंह लक्खा
Music(तर्ज़) : सांसो की माला पे।
श्लोक – राम तने रंग राची मैं तो,
साँवरिया रंग राची,
कोई कहे मीरा बाँवरी,
कोई कहे मदमाती।
◾️ कान्हा की दीवानी,
मीरा हो गई बदनाम,
कान्हा की दीवानी,
दीवानी कान्हा की,
मीरा हो गई बदनाम,
अपने तन की सुध बुध भूली,
भूले जग के काम,
कान्हा की दिवानी,
मीरा हो गई बदनाम।।
◾️ प्रेम के पथ पर,
प्रेम पुजारन,
पी का प्यार लिए,
पी का प्यार लिए,
श्याम की माला जपते जपते,
पि गई जहर का जाम,
कान्हा की दिवानी,
मीरा हो गई बदनाम।।
◾️ रंग पिया के,
रंग ली चुनरिया,
ले इकतारा चली,
ले इकतारा चली,
रानी ये भी ना जानी,
कब दिन हुई कब शाम,
कान्हा की दिवानी,
मीरा हो गई बदनाम।।
◾️ स्वप्न सुनहले,
महल दो महले,
खुशियों का संसार,
खुशियों का संसार,
‘लख्खा’ त्याग दिया मीरा ने,
सुख का सब आराम,
कान्हा की दिवानी,
मीरा हो गई बदनाम।।
◾️ प्रेम जो देखा,
पावन उसका,
मिल गए मदन गोपाल,
मिल गए मदन गोपाल,
राधा रुक्मण को ना मिला जो,
वो मिला सम्मान,
कान्हा की दिवानी,
मीरा हो गई बदनाम।।
◾️ कान्हा की दीवानी,
मीरा हो गई बदनाम,
कान्हा की दीवानी,
दीवानी कान्हा की,
मीरा हो गई बदनाम,
अपने तन की सुध बुध भूली,
भूले जग के काम,
कान्हा की दिवानी,
मीरा हो गई बदनाम।।