सजादो श्याम को इतना, जो देखे दंग रह जाये,

Sajado Shyam Ko Etna Jo Dekhe Dang Rah Jaye

तर्ज़:- बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है

सजादो श्याम को इतना, जो देखे दंग रह जाये,
सँवरिया यूँ निखर जाये….

साँवरिया की, सुरतिया पे, निगाहें यूँ ठहर जाये
सारी दुनिया, ही सुध भूले, भगत बस देखते जाये
सँवर उट्ठे, प्रभु इतना, दिवाने लोग हों जाये,
साँवरिया मन समा जाये…….

साँवरिया की, निगाहों से, झलकता प्यार सब लूटे
साँवरिया का, कृपा अमृत, छलकता रस सभी पी लें
लुटादे प्यार ये इतना, सभी इनके ही बन जाये,
हृदय में भाव भर जाये……

साँवरिया की, शरण में ही, ये दुनिया सुख सभी पाये
रवि कहता, सँवरिया के, भजन दिन रात सब गाये
खजाना यूँ मिले इतना, अचम्भा नैन में छाये
ज़माना दंग रह जाये……
रचयिता: रविन्द्र केजरीवाल रवि

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