O Sanware O Sanwareverified 

O Saanvare O Saanvare

Singer Name : singer : Sanjay Mittal

ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे ।

तैरेगी नैयाँ बिना माँझी के, जो तू साथ है मेरे।
डुबेगी नैया भी किनारे पे, जो तू साथ ना मेरे।
ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे ।।

जब तुझ सा हो माँझी, काहे को फ़िकर मैं करूँ
तेरे रहते बाबा, क्योँ तूफ़ानो से डरूँ।
ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे।।
मिलेगी मंज़िल मेरी नैयाँ को, जो तू साथ है मेरे।
ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे ।

मैं नाम तेरा लेकर, मंजिल को हूँ बढ़ता
चाहे घोर अँधेरा हो, बाबा नहीं मैं डरता।।
ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे।।
मिलेगी ज्योति भी अंधेरो में, जो तू साथ है मेरे।
ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे।

मुझे सारी ख़ुशियाँ तो, तेरे दर से मिलती हैं
हर गलती की माफ़ी, मुझे तुझसे मिलती है।।
ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे।।
कमल सताए दुःख ना जीवन में, जो तू साथ है मेरे।
ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे।

ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे।
तैरेगी नैयाँ बिना माँझी के, जो तू साथ है मेरे।
डुबेगी नैया भी किनारे पे, जो तू साथ ना मेरे।
ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे।

ये भजन एक प्रेम और श्रद्धा भरे गीत की तरह है जो ईश्वर के प्रति एक व्यक्ति की भावनाओं को व्यक्त करता है। इस गीत में व्यक्ति भगवान के साथ अपने जीवन की नैया को तैराने की बात कर रहा है और इसके बिना वह डूबने का डर महसूस करता है। उसे यह विश्वास है कि जब भगवान उसके साथ होते हैं तो वह सभी मुसीबतों से निपट सकता है और अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है। उसे यह भी विश्वास है कि उसके साथ भगवान की कृपा की ज्योति हमेशा होती है और जो उसे अपने जीवन में अंधेरे समयों में भी प्रकाशित करती है। इस भजन में भक्त भगवान के प्रति अपार और प्रेम व्यक्त करता है, और भगवान की कृपा, संरक्षण और प्रशंसा करता है।

ओ साँवरे ओ साँवरे, ओ साँवरे ओ साँवरे। इन शब्दों में संगीत और भक्ति का अनुभव छिपा है। यह एक भजन है जो श्याम बाबा को समर्पित है और इसे गाने से भक्त की आत्मा को शांति और आनंद की अनुभूति होती है। इन पंक्तियों में श्रद्धा, विश्वास और प्रेम की भावना दिखाई गई है।

“तैरेगी नैयाँ बिना माँझी के, जो तू साथ है मेरे। डुबेगी नैया भी किनारे पे, जो तू साथ ना मेरे।” यह पंक्ति बताती है कि जब भक्त के पास श्याम बाबा की कृपा होती है, तो वह अपने जीवन की नैया को उच्चतर स्थान पर ले जाने के लिए माँझी की आवश्यकता के बिना तैर सकता है। भक्त को यह भी विश्वास है कि जब श्याम बाबा उसके साथ नहीं होते हैं, तो वह डूबने का डर महसूस करता है।

“जब तुझ सा हो माँझी, काहे को फ़िकर मैं करूँ, तेरे रहते बाबा, क्योँ तूफ़ानो से डरूँ। मिलेगी मंज़िल मेरी नैयाँ को, जो तू साथ है मेरे।” इस पंक्ति में भक्त श्याम बाबा को अपने जीवन के माँझी के रूप में मानता है और यह प्रतिज्ञा करता है कि जब भी उसके पास श्याम बाबा होंगे, तो वह बिना किसी चिंता के अपनी मंज़िल तक पहुँचेगा। भक्त यह भी जानता है कि जब श्याम बाबा उसके साथ होते हैं, तो उसे किसी भी तरह के तूफ़ानों से डरने की आवश्यकता नहीं होती है।

“मैं नाम तेरा लेकर, मंजिल को हूँ बढ़ता, चाहे घोर अँधेरा हो, बाबा नहीं मैं डरता।। मिलेगी ज्योति भी अंधेरो में, जो तू साथ है मेरे।” यह पंक्ति व्यक्ति के विश्वास को प्रगट करती है कि जब वह श्याम बाबा के नाम को लेकर आगे बढ़ता है, तो वह बिना किसी डर के अपनी मंज़िल को पा जाता है। भक्त यह जानता है कि जब श्याम बाबा उसके साथ होते हैं, तो वह उसे अंधेरे के बीच में भी प्रकाश की ज्योति प्रदान करेंगे।

“मुझे सारी ख़ुशियाँ तो, तेरे दर से मिलती हैं, हर गलती की माफ़ी, मुझे तुझसे मिलती है।। कमल सताए दुःख ना जीवन में, जो तू साथ है मेरे।” यह पंक्ति बताती है कि भक्त को अपने जीवन में संपूर्ण सुख और आनंद श्याम बाबा के द्वारा ही प्राप्त होते हैं। उसे यह भी अनुभव होता है कि श्याम बाबा से हर गलती की माफ़ी प्राप्त होती है और वे उसे सदैव अपने पास स्वीकार करते हैं। भक्त जानता है कि जब श्याम बाबा उसके साथ होते हैं, तो उसे किसी भी प्रकार का दुःख सताने की आवश्यकता नहीं होती है।

इन पंक्तियों में छिपे भक्ति और अद्भुत प्रेम के साथ, श्याम बाबा की सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी प्रकटि होती है। यह भजन उन सभी भक्तों को प्रेरित करता है जो श्याम बाबा के प्रति अपनी अनन्य भक्ति और सेवा का प्रदर्शन करते हैं। इस भजन के माध्यम से भक्त श्याम बाबा के साथ अनुभव करते हैं और उनके अनंत करुणा और प्रेम का आनंद लेते हैं।

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