हाथ में घोटा लाल लंगोटा, उर में राम बिराजे,

Hath Me Ghoto Lal Langoto Ur Me Ram Viraje

तर्ज : ऐसी मस्ती कहाँ मिलेगी….

॥टेर॥
हे हनुमान ग्यान गुण सागर,सुनो विनय अब मेरी, नाथ करो ना देरी-2,
तेरे भरोसे बैठा देखें, कब से राह तुम्हारी, ले लो सुधी हमारी-2

हाथ में घोटा लाल लंगोटा, उर में राम बिराजे,
कंचन वरण केशरी नन्दन, कानन कुण्डल साजे,
राम रमापती के पायक मैं, जाऊँ तुम पर वारी॥

सहज कृपा कर तुलसी दास को, तुमने राम मिलाया,
रामायण रचना करवा कर, जग में यस फैलाया,
अमर नाम कर दिया भक्त का, कृपा हुई जब तेरी॥

राम सिया के पायक हो तुम, मैं हूँ दास तुम्हारा,
दया करो है ग्यान निरधी अब, आकर बनो सहारा,
आप दया के धाम हो हनुमत, महिमा बड़ी है भारी॥

असुर निकंदन भव दुःख भंजन, मेरा कष्ट निवारो,
भव सागर मझधार से नैया, आकर पार उतारो,
सोवर दास आस कर पूरी, महावीर बलकारी॥

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