बजरंग पलके उठाओ द्वार पे भक्त आये हैँ
Bajrag Palke Uthayo Dvaar Pe Bhakt Aaye Hai.
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Singer(गायक): पीकेधर
Music(तर्ज़) : बहारो फूल बरसाओ
बजरंग पलके उठाओ, द्वार पे भक्त आये हैँ,
बजरंग पलके उठाओ, द्वार पे भक्त आये हैँ,
द्वार पे भक्त आये हैँ।
चरणोँ मेँ चढाने को, श्रद्धा सुमन लाये हैँ,
श्रद्धा सुमन लाये हैँ॥
बजरंग पलके उठाओ, द्वार पे भक्त आये हैँ,
जो मिले, झलक तेरी, मिटे प्यास इन आँखोँ की।
मैँने सुना, मेरे बाबा, तूने की पूरी आस लाखोँ की।
हमपे भी प्यार बरसाओ, द्वार पे भक्त आये हैँ॥
द्वार पे भक्त आये हैँ।
तेरे सिवा, बाबा मेरे, जग मेँ ना कोई मेरा है।
हारके, दुखोँ से, डाला दर पे तेरे डेरा है।
ऐसे ना हमेँ ठुकराओ, द्वार पे भक्त आये हैँ॥
द्वार पे भक्त आये हैँ।
जो तेरे, द्वारे पे आके, शीश चरणोँ मेँ झुकाता।
खुशियोँ , से उसका , दामन है भर जाता।
हमारे भी कष्ट मिटाओ, तेरी शरण मेँ आये हैँ॥
द्वार पे भक्त आये हैँ।
जो छोड़ा, हाथ मेरा, तो फिर किधर जायेंगे।
हो जाये, कृपा तेरी, काम ‘खेदड़’ के बन जायेँगे।
अब और न तरसाओ, नैन हमारे भर आये हैँ॥
द्वार पे भक्त आये हैँ।
बजरंग पलके उठाओ, द्वार पे भक्त आये हैँ,
द्वार पे भक्त आये हैँ।
चरणोँ मेँ चढाने को, श्रद्धा सुमन लाये हैँ,
श्रद्धा सुमन लाये हैँ॥
बजरंग पलके उठाओ, द्वार पे भक्त आये हैँ,
बजरंग पलके उठाओ, द्वार पे भक्त आये हैँ,