विघ्न विनाशक गणराय, भय से मुक्त करे,Verified Lyrics 

Vighan Vinashak Ganraaye Bhaye Se Mukat Kare

विघ्न विनाशक गणराय, भय से मुक्त करे,
इसकी दया से भक्तों की, भव से नाव तरे,
पार्वती लाल का मन से, भजन तू करता जा,
करुणा की इस मूर्त से, मन वांछित फल तु पा,
जिसके घर में गणराय के, नाम का दीप जले,
उस घर के हर जीव की, हर एक बाधा टले,
जिनपे करुणा स्वयं करे, गौरी सुत महाराज,
पलक झपकते ही उनके, सिद्ध हो जाते हैं काज,
जय जय श्री गणेश, जय गणपति गणेश…….

माटी के है हम बन, गणपति प्राण स्वरूप,
वो है रचैया हम रचना, वो सूरज हम धुप
सदा समरपं भाव से, जाये गणपति पास
जीवन गथरी का तुमको, कष्ट ना देगा भार
नर नारायण ऋषि मुनि, जिसका मान ना करे
दीन हीन के वो स्वामी, घडी मैं पाप हरे
गुण गौरव और ज्ञान की गंगा गणपति प्रीत
इसके साधक को जग में, काल सके ना जीत
जय जय श्री गणेश, जय गणपति गणेश

आदि सिद्धिया ही जिसकी सेवा करे दिन रैन,
उसके चरण सरोज से जोड़े रहिये नैन,
मन मंदिर मैं तू बस अम्बा लाल गणेश,
कष्ट नष्ट हो जायेंगे मिटेंगे सकल कलेश,
त्रिभुवन के इस नाथ का चित्त से चितन कर,
जन्म जन्म की पीड़ा तेरी जाएगी हार,
सागर है प्रभु प्रेम का, प्यासा बन कर देख,
अमरत मय हो जायेंगे बुद्धि और विवेक,
जय जय श्री गणेश, जय गणपति गणेश………

घट्ट घट्ट की जानता शिव नंदन भगवान,
चरन शरण मैं जा तो सही वो है दया निधान,
दीन का शौक विशाद को हरता गणपति जाप,
एक दन्त के अर्चन से डरते दुःख संताप,
कासद भाँगुर तूँ बुलबुला जो सपने की बात,
ऐसे तू झड़ जायगा जैसे पेड़ों से पात,
न्यायशीलता दया धर्म गजानन से सीख,
शंकर सुत से मांग ले सत्त गुनो की भीख,
जय जय श्री गणेश, जय गणपति गणेश………

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