सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे गणराज…Verified Lyrics 

Sja Do Ghar Ko Gulshan Sa, Mere Ganraj...

सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे गणराज आये है,
लगी कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे गणराज आये है।

पखारो इनके चरणों को, बहाकर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलकों को, मेरे गणराज आये है।

उमड़ आयी मेरी आँखे, देखकर अपने बाबा को,
हुयी रोशन मेरी गलिया, मेरे गणराज आये है।

तुम आकर फिर नही जाना, मेरी इस सुनी दुनिया से,
कहू हरदम यही सबसे, मेरे गणराज आये है।

लगी कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे गणराज आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे गणराज आये है।

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