ऐसे मेरे मन में विराजिये ऐसे मेरे मन में विराजिये कि मै भूल जाऊं काम धाम गाऊं बस तेरा नाम भूल जाऊं काम धाम गाऊं बस तेरा नाम सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम ॥ ऐसे मेरे मन में विराजिये…॥ तू चंदा हम है चकोर,
मेरे प्रभु जानते है बात घट घट की बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी, तेरे माथे पर है बेटा तलवार लटकी बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी, यहाँ प्रभु है वह चाल किसकी चली, तेरे राम जी के आगे दाल किसकी गली, तूने जानी नहीं लीला नटखट की, बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी.. जो
सीताराम सीताराम सीताराम कहिये। जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये।। मुख में हो राम-नाम राम सेवा हाथ में। तू अकेला नहीं प्यारे राम तेरे साथ में।। विधि का विधान जान हानि-लाभ सहिये। जाहि विधि…… किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा। होगा प्यारे वही जो श्रीरामजी को भायेगा।। फल आशा त्याग शुभ कर्म करते
राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक, तीनों लोक में छाये रही है। भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन, फिर भी दीप जलाये रही है। कृष्ण को गोकुल से राधे को… बरसाने से बुलाय रही है। दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन आरती गाये रही है। दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन आरती गाये रही है। भोर भये
सुख-वरण प्रभु नारायण हे, दु:ख-हरण प्रभु नारायण हे, त्रिलोकपति दाता सुखधाम, स्वीकारो मेरा परनाम-२ स्वीकारो मेरा परनाम प्रभु। मन वाणी में वो शक्ति कहाँ जो, महिमा तुम्हरी गान करें, अगम अगोचर अविकारी, निर्लेप हो हर शक्ति से परे, हम और तो कुछ भी जाने ना, केवल गाते हैं पावन नाम, स्वीकारो मेरा परनाम, स्वीकारो मेरा
मुझे अपनी शरण में लेलो राम -२ लोचन मन में जगह न हो तो युगल चरण में लेलो राम, मुझे… जीवन देके जाल बिछाया रच के माया नाच नचाया चिंता मेरी तभी मिटेगी -२ जग चिंतन लेलो राम, मुझे… तुमने लाखों पापी तारे मेरी बरी बजी हारे मेरे पास न पुण्य की पूंजी -२ पद
कलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊं तो मैं कहां जाऊं, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहां से लाऊं। दशरथ कौशल्या जैसे, मात पिता अब भी मिल जाये, पर राम सा पुत्र मिले ना, जो आज्ञा ले वन जाये, भरत लखन से भाई, ढूंढ कहाँ अब मैं लाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा,
जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को, मिल जाये तरुवर की छाया ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है।। मैं जबसे सरन तेरी आया, मेरे राम भटका हुआ मेरा मन था, कोई मिल न रहा था सहारा -२ लहरों से लगी हुई नाव को -२ जैसे मिल न रहा हो किनारा-२ इस