Category: Shri Ram Bhajan

ऐसे मेरे मन में विराजियेVerified Lyrics 

ऐसे मेरे मन में विराजिये ऐसे मेरे मन में विराजिये कि मै भूल जाऊं काम धाम गाऊं बस तेरा नाम भूल जाऊं काम धाम गाऊं बस तेरा नाम सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम ॥ ऐसे मेरे मन में विराजिये…॥ तू चंदा हम है चकोर,

मेरे प्रभु जानते है बात घट घट कीVerified Lyrics 

मेरे प्रभु जानते है बात घट घट की बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी, तेरे माथे पर है बेटा तलवार लटकी बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी, यहाँ प्रभु है वह चाल किसकी चली, तेरे राम जी के आगे दाल किसकी गली, तूने जानी नहीं लीला नटखट की, बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी.. जो

सीताराम कहिये। जाहि विधि राखे राम

सीताराम सीताराम सीताराम कहिये। जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये।। मुख में हो राम-नाम राम सेवा हाथ में। तू अकेला नहीं प्यारे राम तेरे साथ में।। विधि का विधान जान हानि-लाभ सहिये। जाहि विधि…… किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा। होगा प्यारे वही जो श्रीरामजी को भायेगा।। फल आशा त्याग शुभ कर्म करते

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुखकर कञ्जपद कञ्जारुणम् १.. कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् पटपीत मानहुं तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरम् २.. भजु दीन बन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकन्दनम् रघुनन्द आनंदकंद कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् ३.. सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणम् आजानुभुज सर चापधर

गर जोर मेरो चाले, श्री श्याम धमाल भजन..Verified lyrics 

गर जोर मेरो चाले, हीरा मोत्या से नजर उतार दूँ, जैइया वारु लूण राइ बाबा,सोना चांदी वार दूँ। गर जोर मेरो चाले……….(2) प्यारा प्यारा श्याम धनि का, खूब सज्या दरबार सोणा सोणा चाँद सा दूल्हा, बन बेठ्या सरकार काली टिकी लगावण ताई, सूरज निचे उतार दूँ गर जोर मेरो चाले…….(2) प्यारा प्यारा श्याम धनि का,

राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिकVerified Lyrics 

राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक, तीनों लोक में छाये रही है। भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन, फिर भी दीप जलाये रही है। कृष्ण को गोकुल से राधे को… बरसाने से बुलाय रही है। दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन आरती गाये रही है। दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन आरती गाये रही है। भोर भये

स्वीकारो मेरा परनाम प्रभुVerified Lyrics 

सुख-वरण प्रभु नारायण हे, दु:ख-हरण प्रभु नारायण हे, त्रिलोकपति दाता सुखधाम, स्वीकारो मेरा परनाम-२ स्वीकारो मेरा परनाम प्रभु। मन वाणी में वो शक्ति कहाँ जो, महिमा तुम्हरी गान करें, अगम अगोचर अविकारी, निर्लेप हो हर शक्ति से परे, हम और तो कुछ भी जाने ना, केवल गाते हैं पावन नाम, स्वीकारो मेरा परनाम, स्वीकारो मेरा

मुझे अपनी शरण में लेलो राम -२ लोचन मन में जगह न हो तो

मुझे अपनी शरण में लेलो राम -२ लोचन मन में जगह न हो तो युगल चरण में लेलो राम, मुझे… जीवन देके जाल बिछाया रच के माया नाच नचाया चिंता मेरी तभी मिटेगी -२ जग चिंतन लेलो राम, मुझे… तुमने लाखों पापी तारे मेरी बरी बजी हारे मेरे पास न पुण्य की पूंजी -२ पद

कलयुग बैठा मार कुंडलीVerified Lyrics 

कलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊं तो मैं कहां जाऊं, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहां से लाऊं। दशरथ कौशल्या जैसे, मात पिता अब भी मिल जाये, पर राम सा पुत्र मिले ना, जो आज्ञा ले वन जाये, भरत लखन से भाई, ढूंढ कहाँ अब मैं लाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा,

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को, मिल जाये तरुवर की छाया।

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को, मिल जाये तरुवर की छाया ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है।। मैं जबसे सरन तेरी आया, मेरे राम भटका हुआ मेरा मन था, कोई मिल न रहा था सहारा -२ लहरों से लगी हुई नाव को -२ जैसे मिल न रहा हो किनारा-२ इस