Category: Shri Ram Bhajan

पार होगा वही जिसे पकड़ोगे राम

पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम, जिसको छोड़ोगे, पलभर में डूब जाएगा।। ◾️ तिरना क्या जाने, पत्थर बेचारे, तिरने लगे तेरे, नाम के सहारे, नाम लिखते आ गए है, पत्थर में प्राण, जिसको छोड़ोगे, पलभर में डूब जाएगा। पार होगा वहीँ, जिसे पकड़ोगे राम, जिसको छोड़ोगे, पलभर में डूब जाएगा।। ◾️ लंका जलाई, लांघा समुन्दर,

धीर वीरघम वीर साहसी वीरा

धीर वीरघम वीर साहसी वीरा शक्ति कुंज बलबीरा युद्ध तेज मय पराक्रमी आ जात राम बलबीरा राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम॥ ◾️ राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम

राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ अपना मुख मोड़ा

राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ अपना मुख मोड़ा, दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा। ◾️ इक दिन बीता खेल-कूद में,इक दिन मौज में सोया, देख बुढ़ापा आया तो क्यों पकड़ के लाठी रोया, अब भी राम सुमिर ले नहीं तो पड़ेगा काल हथौड़ा, दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा। ◾️ अमृतमय है नाम हरी

देखे अवध हरसा के जनम भयो राम लाला के

अरि मध्य दिवस न मी तिथि ना अति शीत ना घाम ओ ओ कौशल्या के लाल बन प्रकट भए श्री राम॥ अरि देखे अवध हरसा के देखे अवध हरसा के जनम भयो राम लाला के देखे अवध हरसा के जनम भयो राम लाला के देखे अवध हरसा के जनम भयो राम लाला के॥ राम लाला

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु। कृपा कर अपनायो॥ जन्म जन्म की पूंजी पाई। जग में सबी खुमायो॥ खर्च ना खूटे, चोर ना लूटे। दिन दिन बढ़त सवायो॥ सत की नाव खेवटिया सतगुरु। भवसागर तरवयो॥ मीरा के प्रभु गिरिधर नगर। हर्ष हर्ष जस गायो॥

देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े

देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े। अंगत सुग्रीव जामवंत बलवान रो पड़े॥ लंका विजय की अब मुझे, चाहत नहीं रही। मुझमें धनुष उठाने की, ताकत नही रही। रघुवर के साथ धरती, आसमान रो पड़े॥ करने लगे विलाप, श्री राम फुटकर। क्या मै जवाब दूँगा, अयोध्या में लौटकर। जितने थे मन में राम

दुःख सुख दोनो कुछ पल के, कब आये कब जाये

दुःख सुख दोनो कुछ पल के कब आये कब जाये दुःख है ढलते सूरज जैसा शाम ढले ढल जाये दुःख सुख दोनो कुछ पल के कब आये कब जाये दुःख है ढलते सूरज जैसा शाम ढले ढल जाये हो.. शाम ढले ढल जाये दुःख तो हर प्राणी को होय राम ने भी दुःख झेला धैर्य

दिल खोले मिल के बोलो सारे बोलो सीता राम

रामा ओ रामा रे, रामा ओ रामा रे रामा ओ रामा रे, रामा ओ रामा रे रामा ओ रामा रे, रामा ओ रामा रे दिल खोले, मिल के बोलो, सारे बोलो, सीता राम, जीना क्या उस का जीना, जो लेता कभी ना, सिया वर राम का नाम॥ रामा ओ रामा रे, रामा ओ रामा रे

दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया, राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया॥

दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया। राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया॥ द्वारे पे उसके जाके कोई भी पुकारता, परम कृपा दे अपनी भव से उभारता। ऐसे दीनानाथ पे बलिहारी सारी दुनिया, दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया॥ दो दिन का जीवन प्राणी कर ले विचार तू, प्यारे प्रभु को अपने मन में निहार तू।

तेरे मन में राम, तन में राम, रोम रोम में राम

दोहा: राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट। अंत समय पछतायेगा, जब प्राण जायेंगे छूट॥ तेरे मन में राम, तन में राम, रोम रोम में राम रे, राम सुमीर ले, ध्यान लगाले, छोड़ जगत के काम रे। बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम॥ माया में तू उलझा उलझा धर धर धुल