दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे मन मंदिर की जोत जगा दो, घट घट वासी रे॥ मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न देखी सूरत तेरी युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे॥ द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे॥
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार, उदासी मन काहे को करे नैय्या तेरी राम हवाले, लहर लहर हरी आप संभाले। तेरा राम जी करेंगे बेडा पार, उदासी मन काहे को करे रे काहे को डरे रे, काहे को डरे राम नाम सोही जानिए, जो रमता सकल जहा। घट घट में जो रम रहा, उसको राम
जितनी वाले के सब साथी यह हारे का सहारा ऐसा श्याम हमारा जिसकी नैया इसने थामी भाव से पर उतारा ऐसा श्याम हमारा जितनी वाले के सब साथी यह हारे का सहारा ऐसा श्याम हमारा जिसके संग में हो कन्हैया उसकी ना दुबे नैया मझधार भी क्या कर लेगा जब साथ हो ऐसा खेवैया इसकी
शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥ ◾️भोले शंकर की पूजा करो, ध्यान चरणों में इसके धरो। हर हर महादेव शिव शम्भू। हर हर महादेव शिव शम्भू॥ ◾️डमरू वाला हे जग मे दयालु बड़ा, दीन दुखियौ का दाता जगत का पिता, सबपे करता है
हे रोम रोम मे बसने वाले राम, जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी, मे तुझ से क्या मांगूं। ◾️ आप का बंधन तोड़ चुकी हूं, तुझ पर सब कुछ छोड़ चुकी हूं। नाथ मेरे मै क्यूं कुछ सोचूं तू जाने तेरा काम॥ ◾️ तेरे चरण की धुल जो पायें, वो कंकर हीरा हो जाएँ। भाग मेरे
हे राम, हे राम जग में साचो तेरो नाम हे राम, हे राम ◾️ तू ही माता, तू ही पिता है तू ही तो है राधा का श्याम हे राम, हे राम ◾️ तू अंतर्यामी, सबका स्वामी तेरे चरणों में चारो धाम हे राम, हे राम ◾️ तू ही बिगड़े, तू ही सवारे इस जग
हे राम तुम्हारे चरणों में, जब प्यार किसी को हो जाए, दो चार जनों की बात तो क्या, संसार का मालिक बन जाए।। ◾️ रावण ने राम से बैर किया, अब तक भी जलाया जाता है, बन भक्त विभीषण शरण गए, घर बार उसी का हो जाए, हे राम तुम्हारे चरणो में, जब प्यार किसी
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं, वो तो दशरथ राज दुलारे हैं, मेरे नयनो के तारे हैं, सारे जग के रखवारे हैं, मेरे तो प्राण अधारे हैं, सब भगतन के रखवारे हैं, जो लाखो पापीओं को तारे हैं, जो अघमन को उधारे हैं, हम इनके सदा सहारे हैं, हम उनकी शरण पधारे हैं,
हम भक्तो का है इस जग में छोटा सा परिवार हम पर रहे बरसता यू ही सदा तुम्हारा प्यार हम भक्तो का है इस जग में छोटा सा परिवार हम पर रहे बरसता यू ही सदा तुम्हारा प्यार के सब कुछ तेरे हवाले तुम्हारे बिना कौन संभाले ◾️ तेरा प्यार पाने को जनम लिया है
सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया, ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम॥ भटका हुआ मेरा मन था, कोई मिल ना रहा था सहारा। लहरों से लगी हुई नाव को जैसे मिल ना रहा हो किनारा। इस लडखडाती हुई