प्रेमियों की जान लेती है बंदगी इम्तिहान लेती है सरल प्रेम करना निभाना कठिन है बड़ी राह आसान जाना कठिन है किसी को ह्रदय में बसाना कठिन है कहो अपना लेकिन बनाना कठिन है एक दिन बोले मदन मुरारी होव दर्द पेट में भारी रहे अकुलाई के …दवा तो कराओ वैध बुलाई के सुना हाल
तेरे नाम के पागल हैं, हमें दुनियाँ की परवाह नहीं, तुमको पाके इस जीवन की, अब तो कोई चाह नहीं, तेरे नाम के पागल… श्याम का प्रेमी होना प्यारे छोटी बात नहीं है, श्याम प्रेम से बढ़ के दूजी कोई सौग़ात नहीं है, श्याम प्रेम से बढ़ के जग में कोई सौगात नहीं है, तुमको
दुनिया से मैं हारा हूँ तक़दीर का मारा हूँ …2 ◾️ जैसा भी हूँ अपना लो मैं बालक तुम्हारा हूँ ◾️ दुनिया से मैं हारा हूँ तक़दीर का मारा हूँ …2 ◾️ जैसा भी हूँ अपना लो मैं बालक तुम्हारा हूँ ◾️ दुनिया से मैं हारा हूँ तक़दीर का मारा हूँ …2
तेरे हर दुःख में तेरे हर दुःख में हर सुख में यही काम आएगा. रिश्ता तू बना ले श्याम से आराम पायेगा …2 रिश्ता तू बना ले श्याम से आराम पायेगा …2 ◾️ ये ऐसा सच्चा साथी हर दुःख में साथ निभाए इस जग में हार गया जो उसे बढ़ कर गले लगाए जब ठुकरा
जब से थामा है तूने सावरिया मेरा हाथ …2 खुद ही बन जाती मेरी …2 बिगड़ी हर बात ………… जब से थामा है तूने सावरिया मेरा हाथ …2 ◾️ हर गया था मैं तो मनमोहन पतझड़ सा बन गया था ये जीवन नज़र उठा के जब तूने देखा बदल गयी इस किस्मत की रेखा …2
मेरी जिंदगी में क्या था तेरी दया से पहले मैं बुझा हुआ दिया था तेरी दया से पहले……2 मेरी जिंदगी में क्या था…… ◾️ मेरी जिंदगी थी खाली जैसे शीप खाली होती मेरी बढ़ गयी है कीमत तूने भर दिए है मोती……2 मेरी कुछ नहीं थी कीमत…2 तेरी दया से पहले मैं बुझा हुआ दिया
कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है थाने कोल निभानो है कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है कीर्तन की है रात बाबा ◾️ आज थाने आनो है दरबार सावरिया ऐसो साजो प्यारो दयालु आपको सेवा में सावरिया सगळा खड़ा दिखे हुकम
कण कण में वास है जिसका तिहु लोक में राज है उसका ….2 हारे का साथ निभाए प्रेमी को गले लगाए ………2 ऐसा तो हमारा बाबा है बाबा तो हमारा है …..2 कण कण में वास है जिसका तिहु लोक में राज है उसका ….2 हारे का साथ निभाए प्रेमी को गले लगाए ………2 ऐसा
माना मुश्किल बहुत बड़ी पर डरने की क्या बात है ….2 ◾️ लेके हाथ में मोर छड़ी जब बाबा अपने साथ है …..2 माना मुश्किल बहुत बड़ी पर डरने की क्या बात है ….2 लेके हाथ में मोर छड़ी जब बाबा अपने साथ है …..2 ◾️ माना रात अँधेरी है लेकिन ये भी काट जाएगी
जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है। क्यों भटकूँ गैरों के दर पे तेरा दरबार काफी है॥ ◾️ नहीं चाहिए ये दुनियां के निराले रंग ढंग मुझको, निराले रंग ढंग मुझको चली जाऊँ मैं वृंदावन चली जाऊँ मैं वृंदावन तेरा श्रृंगार काफी है जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है ◾️