ओ लाल लंगोटे वाले प्रभु तेरे रूप निराले तेरी मूरत मन को भाये सिंदूरी श्रंगार पे बाबा हम सब बलि बलि जाये ओ लाल लंगोटे वाले प्रभु तेरे रूप निराले।। शिव शंकर के रूद्र रूप में अंजनी घर अवतारे नारायण के रक्षक बनकर उनके कारज सारे राम के काज सवारन को कोई तुमसा नजर ना
म्हारा बालाजी सालासर वाला सालासर लाग्यो दरबार बाला थारो प्यार चाहिए।। ◾️बाबा में चाहु दर्शन थारा थारे बिना अब ना होता गुजारा कबसे पड्यो थारे द्वार बाला थारो प्यार चाहिए म्हारा बालाजी सालासर वाला सालासर लाग्यो दरबार बाला थारो प्यार चाहिए।। ◾️मंदिर में थारी सेवा करूँगा झाड़ू करूँगा तेरा पानी भरूँगा चाहे बीते जनम हजार
मैने ध्यान तेरा ही किया है, मैने नाम तेरा ही लिया है, मैने ध्यान तेरा ही किया है, मैने नाम तेरा ही लिया है, अब चाहे जो हो जाये, बाबा तेरा ही नाम जपूं शरण मेँ, मैँ तेरी तरूँ॥ तेरा ही… मैने ध्यान तेरा ही किया है, मैने नाम तेरा ही लिया है, ◾️मुराद यही
ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे जय जयकार मनाएंगे तेरी जय जयकार मनाएंगे ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे।। करम खोल दे उन भक्तो के जो द्रष्टि से वंचित है द्रष्टि अगर मिल जाएगी तो तेरा दर्शन पाएंगे ओ मेरे बाबा बजरँगी तेरी जय जयकार मनाएंगे।। करम खोल दे उन भक्तो
मेहंदीपुर दरबार निराला, हो रही जय जयकार, तेरी जय हो अंजनी लाल, तेरी जय हो अंजनी लाल।। ◾️सियाराम के भक्त हो प्यारे, माँ अंजनी के लाल दुलारे, भक्तो के बस तुम हो सहारे, करते पल में वारे न्यारे, संकट मोचन नाम है तेरा, सुन लेना दातार, तेरी जय हो अंजनी लाल, तेरी जय हो अंजनी
ओ मारुती ओ हनुमंता तेरा एक सहारा दूर करो दुःख सारा।। बात पुरानी है एक कहानी है सूरज को तूने मुख में लिया था देवो ने की थी अर्जी चली थी तेरी मर्जी छोड़ दिया तूने रवि को मुख से मिटा दिया अँधियारा दूर करो दुःख सारा ओ मारुती ओ हनुमंता दूर करो दुःख सारा
मेरे हनुमान तुझे प्रणाम, मेरे हनुमान तुझे प्रणाम, भक्तोँ का तू सहाई बिगड़े बनाये काम, मेरे बजरंग तुझे प्रणाम॥ ◾️तेरा जलवा खूब ओ तेरी महिमा खूब, क्या राजा क्या भिखारी सबपे रहता, है तू मेहरबान … मेरे हनुमान …॥ सबसे अमीर तू है मेरी तकदीर तू है, दर का फकीर हूँ मैँ बंदा अकीर हूँ
मेरा बजरंग सोटे वाला, सारे जग से निराला, श्री राम का है वो दीवाना, कहे सारा जमाना, संकट हरता, दुखड़े हरता, नहीं किसी से डरता, मेरा बजरंग सोटे वाला, सारे जग से निराला।। ◾️चैत्र सुदी पूनम का दिन, ये हनुमान को लाया, चैत्र सुदी पूनम का दिन, ये हनुमान को लाया, कहीं सालासर कहीं मेहंदीपुर,
ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान काँधे पर दो वीर बिठाकर चले वीर हनुमान।। श्लोक – दुर्गम पर्वत मारग पे निज सेवक के संग आइए स्वामी भक्त के काँधे पे आन बिराजिए भक्त का मान बढ़ाइए स्वामी।। ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान
एक बार आओ जी बालाजी म्हारे आंगणा थाने टाबरिया बुलावे घर आज पधारो म्हारे आँगणिये।। केसरिया बागो पहरावा चांदी को थाके छतर चढ़ावा थाने बनड़ो बनावा बाबा आज पधारो म्हारे आँगणिये।। केसर चंदन तिलक लगावा इतर से बाबा थाने नहलवा थाको खूब करा श्रृंगार पधारो म्हारे आँगणिये।। खीर चूरमा को भोग लगावा प्रेम से बाबा