किसी भी उत्सव, कार्य, कीर्तन, जागरण की शुरुवात करने से पहले गणेश भगवान को मनाया जाता है। आज हम लेकर आये है गणेश जी बहुत ही प्यारी वंदना जिसके गायन से गणेश भगवान निश्चित रूप से आपके कार्य/कीर्तन को सफल करेंगे और रिद्धि सिद्धि के भण्डार भरेंगे। ॐ गणपते: नम: दोहा : गजानंद आनंद करो,
दोहा : गौरा जी के लाडले, तुम सबके आधार। प्रथम मनावें आपको, तो हो जाये बेड़ा पार।। तेनुं पूज रहे मिल सारे, गणपति बप्पा मोरेया। तेरा जग विच चानण सारे, गणपति बप्पा मोरेया।। आदि गणेश, ब्रम्हा, विष्णु मनावें शिव शंकर वी तेरा यश गावें मैया गौरा दी अखाँ दे तारे। – गणपति बप्पा मोरेया.. गुणीजन,
गणपति राखो मेरी लाज-२ पूरन कीजे सारे काज-२ सदा रहे खुशहाल, गणपति लाल, जो प्रथमें तुम्हें मनावे। रिद्धि सिद्धि के दाता, भाग्य विधाता, वो सब तुमसे पा जावे। विनती सुन लियो मेरी आज, पुराण कीजै सारे काज। गणपति रखो मेरी लाज, पूरन कीजै सारे काज। मुर्ख को दे ग्यान, सभा में मान निर्बल भी बल
गणपति को प्रथम मनाने की, देवों ने रीत चलाई है। तीनों लोको में छोटे-बड़े, सब करते इनकी बड़ाई है।। जो काम सभी करते आये, हमको भी वही दोहराना है। गणपति को प्रथम मनाना है…. कोई घृत सिंदूर चढ़ाते हैं, कोई लड्डूवन भोग लगते हैँ।। कोई मेवा थाल सजाते है, कोई छ्प्पन भोग बनाते है।। जिस
गणपत बलकारी जी फ़तेह म्हरी आज करो, रिद्ध सिद्ध के दाता जी फ़तेह म्हरी आज करो, आज करो महाराज ओह दाता मेरे, आज करो महाराज गणपत बल्कारी जी फ़तेह म्हरी आज करो, रीढ़ सीध के दाता जी फ़तेह म्हरी आज करो, गणपत बलकारी जी फ़तेह म्हरी आज करो, रिद्ध सिद्ध के दाता जी फ़तेह म्हरी
हे गजानन आपकी दरकार है, श्याम प्यारे का सजा दरबार है, श्याम प्यारे का सजा दरबार है, हे गजानन आपकी दरकार है।। शुभ घडी आई सुहानी आइये, रिद्धि सिद्धि साथ अपने लाइये, आपकी महिमा तो अपरम्पार है, श्याम प्यारे का सजा दरबार है, हे गजानन आपकी दरकार है।। सबसे पहले आपकी सेवा करे, चरणों में
हुई गलियों में जय जयकार, आया गणपति तेरा त्यौहार।। नाची मन में उमंग, भरा खुशियों ने रंग, नाची मन में उमंग, भरा खुशियों ने रंग, गूंजी गणपति तेरी जयकार, आया गणपति तेरा त्यौहार, हुई गलियों में जय जयकार, आया गणपति तेरा त्यौहार।। ऊँचा आसान सजाएं, तुम्हे घर में बिठाएं, ऊँचा आसान सजाएं, तुम्हे घर में