पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति, ज्योति दिन रात जलती है, पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति, ज्योति दिन रात जलती है, झिलमिल सितारों की, ओढ़े चुनर माँ, शेर पे सवार मिलती है।। ◾️लाल चुनरिया लाल घगरिया, माँ के मन भाए, लाल लांगुरिया लाल ध्वजा, मैया की लहराए, करे नजरिया जिसपे मैया, भाग्य चमक जाए,
ओ माँ.. जय माँ.. ओ माँ.. जय माँ.. मैं बालक तूँ माता शेरां वालिए है अटूट ये नाता शेरां वालिए हो हो..(2) शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ मैं बालक तूँ माता शेरां वालिए है अटूट ये नाता शेरां वालिए हो हो..(2) तेरी ममता मिली है मुझको, तेरा प्यार
जय जय माँ, जय जय माँ, जय जय माँ, जय जय माँ… चिठ्ठी आई है, आई है, चिठ्ठी आई है, चिठ्ठी आई है, मैया की चिठ्ठी आई है, चिठ्ठी आई है, कटरा से चिठ्ठी आई है, बड़े दिनों के बाद, इस निर्धन की फरियाद, संदेसा माँ का लायी है। चिठ्ठी आई है, मैया की चिठ्ठी
मन तेरा मंदिर, आखेँ दिया बाती, होठों की है थालीयाँ, बोल फुल पाती, रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती, आरती ओ मैया आरती, ओ ज्योतावालीये माँ तेरी आरती। हे महालक्ष्मी माँ गौरी, तू अपनी आप है जौहरी, तेरी कीमत तु ही जाने, तु बुरा भला पहचाने, ये कहते दिन और रातें, तेरी लिखी ना जाये
।।श्लोक।। माँ नाम लेना कोई शर्म नहीं है, इससे बड़ा तो कोई करम नहीं है, जिसमे माता की पूजा का जिक्र न हो, ऐसा तो दुनिया में कोई धर्म नहीं है। मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो, तेरी दया का हम सदा गुणगान करेंगे, तेरा ध्यान करेंगे। मैया कृपा कर दो झोली मेरी भरदो। भक्तो
मैंने, सब कुछ पाया दाती, तेरा दर्शन पाना, बाकी है। मेरे, घर में कोई कमी नहीं, बस तेरा आना, बाकी है। मैंने, सब कुछ पाया दाती… जो, मेरे घर में, आओ माँ, मेरा घर तीर्थ, बन जाएगा। मैं, भी तर जाऊँगा मईया, जो आएगा, तर जायेगा। इज़्ज़त शोहरत, दौलत तो मिली, मेहरों का खज़ाना, बाकी
ओ मैया तेरे दरबार, ओ मैया तेरे दीदार को मैं आऊंगा। कभी न फिर न जाऊंगा, भेजा है बुलावा तूने शेरावालिये-2 शेरावालिये नी माता जोतावालिये, रे सांचिये जोतावालिये लाटावालिये, तेरे ही दर के हैं हम तो भिखारी, जाएँ कहाँ ये दर छोड़ के हाँ छोड़ के। ओह्ह्ह तेरे ही संग बाँधी भक्तों ने डोरी, सारे
हाथ जोड़ के खड़ी हूँ तेरे द्वार मेरी माँ-२ पूरी कर दे मुरदे एक बार मेरी माँ, तेरी कंजके बिठाऊ, पूरी हलवा खिलाऊँ, तेरी ज्योत जगाऊँ, लाल चुनरी चढ़ाऊँ। माता रानिये, ओ माता रानिये-२ हाथ जोड़ के खड़ी हूँ तेरे द्वार मेरी माँ, पूरी कर दे मुरदे एक बार मेरी माँ तेरी कंजके बिठाऊ, पूरी
लक्ष्मी माँ तेरे बिना मान न मिले मान न मिले माँ सम्मान न मिले पैसे बिना कोई काम नहीं होता काम नहीं होता कहीं नाम ना होता धन के बिना तो पहचान ना मिले मान न मिले माँ सम्मान न मिले लक्ष्मी माँ तेरे बिना तुम ही धनवर छाँ करती हो निर्धन की झोली भर्ती
शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं दर तेरे, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ। पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे हाथ पकड़ ले, हाथ बढ़ा दे, अपने मंदिर तक पहुंचा दे हाथ पकड़