तर्ज:- और रंग दे रे भाया,ओजू रंग दे और रंग दे रे भाया,ओजू रंग दे, म्हारी दादी जी ने, ओ म्हारी दादी जी ने म्हारी दादी जी ने, दाय कोनी आये रै, नीलगर और रंग दे। जयपुर से मंगाई, माँ की लाल चुनरी, लाल चुनरी दादी की, लाल चुनरी, म्हारी दादी जी ने, ओ म्हारी
॥या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली। हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली… हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली। हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली… एक चोटी पे हैं बैठे, श्री खंड महादेव। एक चोटी पे हैं बैठी, मेरी भी महाकाली…
विश्वप्रिया कमलेश्वरी, लक्ष्मी दया निधान, तिमिर हरो अज्ञान का, ज्ञान का दो वरदान। आठो सिद्धिया द्वार तेरे, खड़ी है माँ कर जोड़, निज भक्तन की नाँव को, तट की ओर तू मोड़। निर्धन हम लाचार बड़े, तू है धन का कोष, सुख की वर्षा करके माँ, हर लो दुःख का दोष। जय लक्ष्मी माता, जय
रमता रमता आवो देवी माँ, जागण दीराऊ थारे नाम रो॥ सिंघ सवारी आवो देवी माँ, ज्योत जगावा थारे नाम री, रमता रमता आवो देवी माँ, जागण दीराऊ थारे नाम रो॥ है कर सिंगार आवो देवी माँ, गेना घडाऊ थारे नाम रो, रमता रमता आवो देवी मां, जागण दीराऊ थारे नाम रो॥ ढोल नगारा झालर री
बजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ छमा छम नाचे लांगुरिया। जगराते की रात है आई सब के मन में खुशिया छाई, तेरे दया से महरानी आज सजा दरबार, भजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ छमा छम नाचे लांगुरिया॥ रूप सलोना धार के बैठी लागि सूंदर प्यारी, लंगर भरो कर अज्ञानी हो रही जय जय कार, बजा दे
सपना दाती मैया का, मुझे दिन रात दिखता है, ममता भरा वो एक चेहरा, सदा मेरी आँखों में बसता है। सपना दाती मैया का… मिल जाएं दर्शन मैया के, हो जाए ख्वाब सब पूरे, एक बस यही तमन्ना है, रह ना जाए अब अधूरे। बरसती जल धार आँखों से, मन कब से तरसता है, ममता
बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया, अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥ सदा पापी से पापी को भी तुम, मां भव सिंधु तारी हो, फसी मझधार में नैया को भी, पल में उबारी हो, न जाने कोन ऐसी भुल, मुझसे हो गयी मैया, तुम अपने इस बालक को मां, मन से बिसारी हो॥
माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरों की सवारी, अम्बे माँ, घर में पधारो मेरी माँ, अम्बे माँ, घर में पधारो मेरी माँ॥ तेरे नाम की ज्योत जली है, दर्शन को टोली खड़ी है, अम्बे माँ, आरती उतारूं मेरी माँ, अम्बे माँ, आरती उतारूं मेरी माँ॥ आँखे दर्शन की है प्यासी, आजा माता मिटे उदासी, अम्बे