द्वारे चलिए मैया के, द्वारे चलिए, ले आया सावन का महीना, लेने नज़ारे चलिए, द्वारे चलिए मैया के, द्वारे चलिए।। ◾️रिमझिम रिमझिम सावन बरसे, आई रुत मतवाली, जय माँ जय माँ कोयल बोले, बैठ आम की डाली, ऊँचे पर्वत भवन सुनहरा, छाई है हरियाली, पिंडी रूप विराजे मैया, भक्तो की प्रतिपाली, ले आया सावन का
अमृत की बरसे बदरिया, अम्बे माँ की दुअरिया, अमृत की बरसे बदरिया, ओये मेरी माँ की दुअरिया।। ◾️दादुर मोर पपीहा बोले, पपीहा बोले पपीहा बोले, कूके काली कोयलिया, अम्बे माँ की दुअरिया, अमृत की बरसें बदरिया, ओये मेरी माँ की दुअरिया।। ◾️शीश मुकुट कानों में कुण्डल, सोवे लाल चुनरिया, अम्बे माँ की दुअरिया, अमृत की
नवराते आ गए, अँगना बुहारो माँ का, भवन सवारों, झोंके पुरवईया के, बतला गए, नवराते आ गए, शेरावाली माई सदा, भक्तो की सहाई गाए, महिमा जो दर्शन पा गए, नवराते हो ओ,,,, नवराते आ गए।। ◾️भाये भक्तो के मन को, अश्विन महीने के ये नो दिन, माता दुर्गा भवानी की, घर घर में हो पूजा
स्वर्ग की सीढियाँ है, तेरी सीढियाँ, सबको मिलती कहाँ माँ, तेरी सीढियाँ, सबको मिलती कहाँ माँ, तेरी सीढियाँ, स्वर्ग की सीढियाँ है, तेरी सीढियाँ।। ◾️माँ और बेटे में, करवाए ये ही मिलन, माँ और बेटे में, करवाए ये ही मिलन, बहुत ही मेहरबां है, तेरी सीढियाँ, स्वर्ग की सीढिया है, तेरी सीढियाँ।। ◾️रास्ते से कोई
माँ तेरे लाल बुलाए आजा, सुनले भक्तो की सदाए आजा, माँ तेरे लाल बुलाए आजा, सुनले भक्तो की सदाए आजा।। ◾️तेरे बिन माँ कोई हमारा नहीं, हमें माँ किसी का सहारा नहीं, माँ तुझ बिन किसी को पुकारा नहीं, है तेरे सवाली मैया तुझसे ही सवाल है, तेरे बिन बच्चो का हुआ माँ बुरा हाल
निशदिन तेरी पावन, ज्योत जगाऊँ मैं, मुझको ना बिसराना,, हे जगदम्बे माँ।। श्लोक – तेरे दर्शन की आस है मन में, मेने तुझसे लगन लगाई है, तूने दुनिया को बुलाया दर पे, माँ मेरी याद क्यों ना आई है। ◾️निशदिन तेरी पावन, ज्योत जगाऊँ मैं, मुझको ना बिसराना,, हे जगदम्बे माँ, हर पल तेरे नाम
तेरी ज्योति में वो जादू है, तक़दीर बना देती है, जगमग जलती जब ज्योत तेरी, अंधकार मिटा देती है, तेरी ज्योति में वो जादू है, तक़दीर बना देती है।। ◾️तेरी ज्योति है माँ पावन, इससे दुनिया है माँ रोशन, लागे सबको ही मन भावन, मैया सारे ही अँधेरे मिटाती, जहां पे ज्योति जलती है, वहां
धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार। श्लोक – सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रियमभीके गौरी, नारायणी नमोस्तुते। जय जय शेरावाली माँ, जय जय मेहरवाली माँ, जय जय लाटावाली माँ, जय जय जोतावाली माँ, जय जय लाटावाली माँ, जयकारा शेरावाली दा, बोल साचे दरबार की जय। ◾️धरती गगन में होती है, तेरी
सच्ची है तू सच्चा तेरा, दरबार माता रानिए, कर दे दया की इक नजर, एक बार माता रानिए, सच्ची है तू सच्चा तेरा, दरबार माता रानिए।। ◾️क्या गम है कैसी उलझन, जब सर पे तेरा हाथ है, हर दुःख में हर संकट में, माता तू हमारे साथ है, तू प्यारी माँ और जग तेरा, परिवार