मैया रानी जो आने का वादा करो, मै यूँहीं रोज कुटिया सजाता रहूं, अपनी पलकों से चुन चुन के कांटे सभी, तेरी राहो में कलियाँ बिछाता रहूं, मैया रानी जो आने का वादा करो, मै यूँहीं रोज कुटिया सजाता रहूं।। ◾️कितना सुन्दर लगे मेरी माँ का भवन, स्वर्ग में भी तो ऐसा नजारा नहीं, माँ
आए तेरे भवन, देदे अपनी शरण, रहे तुझ में मगन, थाम के यह चरण, तन मन में भक्ति ज्योति तेरी, हे माता जलती रहे।। ◾️उत्सव मनाये, नाचे गाये, चलो मैया के दर जाएँ, चारो दिशाए चार खम्बे बनी हैं, मंडप पे आसमा की चादर तनी है, सूरज भी किरणों की माला ले आया, कुदरत ने
अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे, फिर तो दुःख की ना नामो निशानी रहे। श्लोक – मौज सबको, नसीब नहीं होती, जिंदगी सबकी, खुशनसीब नहीं होती, पर हो गई जिसपे, मैया की मेहरबानी, जिंदगी उसकी, बदनसीब नहीं होती। ◾️मैया ओ अम्बे मैया, मैया ओ अम्बे मैया, अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे, फिर तो दुःख की ना
मेरी मैया शेरोवाली है, करे भक्तो की रखवाली है, सब भक्तो मिलकर जय बोलो, शेरावाली की जय बोलो।। श्लोक – नाम जो अम्बे रानी का, मन से प्राणी गाएगा, उसका बेडा भव सागर से, पल भर में तर जाएगा, लाज रखती है भक्तो की, बिन मांगे ही सब पाएगा, और सच्चे मन ऐ ‘लख्खा’, जो
लाल लाल चुनरी सितारो वाली, सितारो वाली, जिसे ओढकर आई है, माँ शेरोवाली, जिसको ब्रह्मा ने बनाया, जिसको विष्णु ने सजाया, जिसको भोले ने रंग में रंग डाली, लाल लाल चुनरी सितारो वाली, सितारो वाली, जिसे ओढकर आई है, माँ शेरोवाली।। ◾️रंग चुनरी का शक्ति अपार देता, पाप मन में बसे इसको मार देता, जिसने
आते है हर साल नवराते माता के, आए नवरात्रे माता के।। श्लोक – चैत महीना और अश्विन मे, आते माँ के नवरात्रे, मुँह माँगा वर उनको मिलता, जो दर पर चल कर आते।। ◾️आए नवरात्रे माता के, आए नवरात्रे माता के, आते है हर साल नवराते माता के, आए नवरात्रे माता के, जय हो नवरात्रे
लाली लाली लाल चुनरियाँ, कैसे ना माँ को भाए।। माई मेरी सूचियाँ जोतावाली माता तेरी सदा ही जय, माई मेरी उँचियाँ पहाड़ावाली माता, तेरी सदा ही जय। लाली लाली लाल चुनरियाँ, कैसे ना माँ को भाए, ये लाल चुनरियाँ नारी के, तीनो ही रूप सजाए, लाली लाली लाल चुनरियाँ, कैसे ना माँ को भाए।। ◾️पावन
आउंगी आउंगी मैं अगले, बरस फिर आउंगी, लाऊंगी लाऊंगी तेरी, लाल चुनरियाँ लाऊंगी।। माता ओ माता, पहाड़ो वाली माता। तेरी महिमा सुनते है, तेरी महिमा गाते है, आँख में आंसू लाते है, मोती लेकर जाते है। आउंगी आउंगी मैं अगले, बरस फिर आउंगी, लाऊंगी लाऊंगी तेरी, लाल चुनरियाँ लाऊंगी।। ◾️पर्वत पे है डेरा, ऊँचा मंदिर
मुझे रंग दे ओ रंगरेज, चुनरिया सतरंगी, चुनरिया सतरंगी, चुनरिया सतरंगी, मैया को जाके ओढ़ाऊँ, चुनरिया सतरंगी।। ◾️एक रंग रंग दे भक्ति का, दूजा रंग रंग दे मुक्ति का, एक रंग रंग दे भक्ति का, दूजा रंग रंग दे मुक्ति का, तीजा रंग रंग दे शक्ति का, तुझको क्या समझाऊं, चुनरिया सतरंगी, मुझे रंग दे
धूम मची है धूम माँ के दर, धूम मची है धूम।। श्लोक – कहीं न चैन मिला, जब हमको इस ज़माने में, तो बड़ा आराम मिला, मैया के दर पे आने में। ◾️धूम मची है धूम माँ के दर, धूम मची है धूम, धूम मची है धूम माँ के दर, धूम मची है धूम, द्वार