दाती माँ फरियाद सबकी सुनेगी, बिगड़ी बनेगी आज बिगड़ी बनेगी।। ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार, ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार। ◾️जन्म के ही गूंगो को बोलते है देखा, अन्धो को यहाँ आके देखते है देखा, यहाँ आके तकदीरे पलटा है खाती, सूखे हुए चेहरों पे हरियाली आती, बनती किनारा यहाँ खुद
जबसे मिला है मुझे ये दरबार, अपनी तो दुनिया बदल गई यार, चाँदी चाँदी हो गई मेरी, चाँदी चाँदी हो गई।। ◾️दुःख के बादल सब दूर हुए, खुशियाँ ही खुशियाँ छाई है, मेरी वैष्णो माँ की किरपा से, ये रात सुहानी आई है, अब ना किसी की है दरकार, अपनी तो दुनिया बदल गई यार,
सबकी भरती है माँ, यहाँ पर झोलियाँ। चढ़के पहाड़ी,भक्तो की प्यारी, रोज आती है टोलियां, सबकी भरती है माँ, यहाँ पर झोलियाँ, सबकी भरती है, यहाँ पर झोलियाँ, सबकी भरती है माँ, यहाँ पर झोलियाँ।। ◾️तू है खुशियों के, वर देने वाली, माँ वर देने वाली, दयालु महाकाली, तू सारे ही जग से निराली, बड़े
शेरावाली तू मैया, तू जग की रचैया, हमने जब भी है, तुमको पुकारा, भव सागर से, तूने है तारा, भव सागर से, तूने है तारा।। ◾️पर्वतों में युगों से है, ज्योत तेरी जलती, चरणों को है धोती हुई, गंगा भी है बहती, राजा हो चाहे कोई, रंक हो मैया, पाया तुमसे ही, सबने सहारा, भव
चलो दर शेरावाली, मैया के सवाली बनके, माँ ने खोले है खजाने, ख़ुशी के धन के, चलो दर शेरावाली, मैया के सवाली बनके।। ◾️ऊँचे पर्वत पर मैया, दरबार सजा कर बैठी है, भक्तो का दुःख हरने का, वो बीड़ा उठा कर बैठी है, दाती माँ तैयार है कबसे, मन वांछित फल देने को, आशा की
एक भोली भाली कन्या, पर्वत से भक्तो आई, सिर पे उसके लाल चुनरिया, नैंनन जोत समाई, हाथो में है लाल चूड़ा, पाओं मे पायल भाई, सिर पे उसके लाल चुनरिया, नैंनन जोत समाई।। ◾️कोई कहे वो वैष्णो माता, झोलियाँ भर ने वाली, कोई कहे माँ चिंतपूर्णी, चिंता हरने वाली, चरनो मे कोई गिर के बोले,
तेरी तुलना किससे करूँ माँ, तेरी तुलना किससे करूँ माँ, तुमसा और ना कोई, जब जब टुटा मेरा खिलौना, मुझसे पहले तू रोई, तेरी तुलना किससे करूं माँ, तुमसा और ना कोई।। ◾️मेरे हँसने पर हँसती है, रोने पर रोती है, फिर भी मैं ये समझ ना पाया, माँ कैसी होती है, मैं खोया इस
नवरात्रों की आई है बहार, जयकारे गूंजे मैया के, होगा शेरावाली का दीदार, जयकारे गूंजे मैया के, नवरात्रो की आई है बहार, जयकारे गूंजे मैया के।। ◾️माँ का भवन सजाया, फूलों कलियों से महकाया, हुआ आँगन पवित्तर, माँ ने करम कमाया, ज्योत मैया की जगा के, सबने मिरदंग बजाके, सब भक्तो ने गाके, खूब रंग
उंचिया पहाड़ा वाली माँ, हो अम्बे रानी, थोड़ी सी मैहर कर दे, कितनी उम्मीदे लाया, कितने ही सपने, थोड़ी सी मैहर कर दे। उंचिया पहाड़ा वाली है मैया, गूंजते जयकारे तेरे है मैया। उंचिया पहाड़ा वाली है मैया, गूंजते जयकारे तेरे है मैया।। ◾️यूँही नहीं आए हम, मैया तेरे दर पे, बनके के पुजारी, तेरे
बारिशों की छम छम में, तेरे दर पे आए है, मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे। बिजली कड़क रही है, हम थम के आए है, मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे।। ◾️कोई बूढी माँ के संग आया, कोई तनहा हुआ तैयार, कोई आया भक्तो की टोली में, कोई पूरा परिवार, सबकी