आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण, रहे तुझ में मगन, थाम के यह चरण। तन मन में भक्ति ज्योति तेरी, हे माता जलती रहे॥ उत्सव मनाये, नाचे गाये, चलो मैया के दर जाएँ। चारो दिशाए चार खम्बे बनी हैं, मंडप में आत्मा की चारद तानी है। सूरज भी किरणों की माला ले आया, कुदरत ने
मेरी पूजा कर स्वीकार, (मेरी पूजा कर स्वीकार) माँ तेरी लाल चुनरिया ले आयी। मेरी पूजा कर स्वीकार, माँ तेरी लाल चुनरिया ले आयी। मुझे दर्शन दे इस बार, (मुझे दर्शन दे इस बार) मैं तेरे दर पे दौड़ी आयी, मेरी पूजा कर स्वीकार, (मेरी पूजा कर स्वीकार) माँ तेरी लाल चुनरिया ले आयी। मैं
माँ वीणा पानी हो, विद्या वरदानी हो, मेहरो वाली हो, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, अपने भक्तो की, अपने बच्चो की तुम रखवाली हो, मेरी माँ, ओ माँ।। ◾️नाम है जितने माता तुम्हारे, एक रूप के हे जगदम्बे, रूप अनेको सारे, शारदे माँ हो तुम, लक्ष्मी माँ हो तुम, कहीं पे काली
मेरी विपदा टाल दो आकर, हे जग जननी माता।। ◾️तू वरदानी है, आद भवानी है, माँ तू वरदानी है, आद भवानी है, क्या में तेरा लाल नहीं हूँ, क्या तू माँ नहीं मेरी, फिर क्यों लगाई देरी, तू ही कहदे है ये कैसा, माँ बेटे का नाता, शेरों वाली माता, शेरों वाली माता।। ◾️में अज्ञानी
नित महिमा मैं गाउँ मैया तेरी, ◾️और क्या माँगू मैं तुमसे माता, बस धूल चरण की चाहूँ, पल पल याद करूँ मैं तुमको, मैं हिरे रतन ना चाहूँ, अब तक तेरा प्यार मिला है, माँ हर मांग मिली मेरे मन की, आगे भी तू रखना दया माँ, तू मालिक है त्रिभुवन की, नित महिमा मैं
मेंहदी रची थारे हाथा मे, उड रहयो काजल आंख्या मे, चुनडी रो रंग सुरंग म्हारी आमज माँ।। ◾️अरे चांद उग्यो ओ राता मे, फूल उग्यो रण बागा मे, अरे चांद उग्यो ओ राता मे, फूल उग्यो रण बागा मे, थारो ऐसो सुहाणौ रूप म्हारी दुर्गा माँ मेंहदी रची थारे हाथा मे,,,,,औहौ। ◾️अरे रूप सुहाणौ जद
दर दर का भटकना छूट गया, जबसे माँ तेरा द्वार मिला, द्वार मिला, द्वार मिला, आँखों से बहते आंसू रुके, बेटे को माँ का प्यार मिला, प्यार मिला, प्यार मिला।। ◾️मन का हर विकार गया, मिल जो द्वार गया, विपदा दूर भगी, सोइ तक़दीर जगी, मजधार में अटका बेड़ा जो, पल में लगा वो पार
माँ तू ही तू माये तू ही तू, माँ तू ही तू माये तू ही तू।। ◾️जदो अंबर दी कोई निशानी ना सी, ते हवा विच कीते री रवानी ना सी, किते बद्दल ना बारिश ना पाणी ही सी, बस सिवा तेरे कुछ भी महाराणी ना सी, जद किते कुछ ना सी, रौशनी ते हवा,