पार करो मेरा बेडा भव से, हे शिव शंकर कैलाशी, पार करो मेरा बेडा भव से, हे शिव शंकर कैलाशी, आस लगाए दर पे खड़ी हूँ, तेरे चरणों की दासी, पार करो मेरा बेडा भव से, हे शिव शंकर कैलाशी॥ ◾️पार करो मेरा बेडा भव से, हे शिव शंकर कैलाशी, तीनो लोक में नाम तुम्हारा,
कैसे मैं शिव को मनाऊ हो शिव मानत नाही, कैसे भोले को मैं मनाऊ हो भोले मानत नाही।। ◾️लाडू और पेड़ा वाके मनहु ना भावे, भांग धतूरा कहाँ पाऊ हो, शिव मानत नाही।। ◾️हल्दी और कंकु वाके मनहु ना भावे, मुर्दे की भस्मी कहा पाउ हो, शिव मानत नाही।। ◾️ताल तलैया वाके मनहु ना भावे,
दिल मे तू शिव के नाम की, ज़रा ज्योति जला के देख, आएगा आएगा डमरू वाला, दिल से बुला के देख।ॐ। ◾️किस्मत के ताले खोलना, बाबा के हाथ है, एक तेरे कष्ट मिटना, पल भर की बात है, किस्मत के ताले खोलेगा, ज़रा ताली बजा के देख आएगा आएगा डमरू वाला, दिल से बुला के
जय बोलो महाकाल की, श्लोक आदिदेव महादेव का, जो करते है गुणगान, जनम मरण का उनको निज ही, हो जाता सब ज्ञान, काल से रक्षा करते, शिवजी काटे सब जंजाल, हरपल भजते रहो रे भक्तो, जय जय जय महाकाल॥॥ ◾️आओ मिलकर गाये महिमा, हम कालो के काल की, जय बोलो महाकाल की जय बोलो, जय
रविवार भैरव भजो मंगल शनि हनुमान सब संकट टल जाये ‘लक्खा’ हो जाये कल्याण महादेव शिव की है दोनो संतान एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान ॥ ◾️एक तन सिन्दुरी है एक रूप काला, दुनिया में दोनो का है बोलबाला । दोनो में ही… दोनो में विषमता है फिर भी समान एक बलि भैरव तो
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है, जितना तेरे भाग्य में लिखा उतना ही पाता है, मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है, शिव लहरी के दरबार में सबका खाता है॥ ◾️चाहे अमीर हो चाहे गरीब हो, उनको एक समान, सबकी बिगड़ी वो ही बनाये, सबकी बिगड़ी वो ही बनाये, वो सबके भगवान,
श्री राम जहाँ होंगे, हनुमान वहां होंगे, दोनों जहाँ होंगे, वहां कल्याण करेंगे, हर काम बनेंगे, श्री राम जहाँ होंगे।। श्री राम का जो भी,ध्यान लगाएगा, बालाजी के दर्शन,वो ही पाएगा, प्रभु राम की भक्ति से,तुम्हे हनुमान मिलेंगे, कल्याण करेंगे,श्री राम जहाँ होंगे।। श्री राम जहां होंगे,हनुमान वहां होंगे, दोनों जहाँ होंगे,वहां कल्याण करेंगे, हर
शीश जटा में गंग विराजे श्लोक ॐ नाम एक सार है, जासे मिटत कलेश, ॐ नाम में छिपे हुए है, ब्रम्हा विष्णु महेश॥ ◾️शीश जटा में गंग विराजे, गले में विषधर काले, डमरू वाले ओ डमरू वाले॥ ◾️तुमने लाखो की बिगड़ी बनाई, अपने अंग भभूत रमाई, जो भी तेरा ध्यान लगाए, उसको सब दे डाले,
तेरे जैसा राम भगत कोई हुआ ना होगा मतवाला, एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला। आज अवध की शोभी लगती स्वर्ग लोक से भी प्यारी, १४ वर्षों बाद राम की राजतिलक की तयारी। हनुमत के दिल की मत पूछो झूम रहा है मतवाला, एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़
भोले तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर, जु दामिनी उजाला, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा॥ ◾️गल में मुंड माला की साजे, शशि भाल में गंग विराजे, डम डम डमरू बाजे, कर में त्रिशूल धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती