Author: Vijender Singh

ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे

ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे जय जयकार मनाएंगे तेरी जय जयकार मनाएंगे ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे।। करम खोल दे उन भक्तो के जो द्रष्टि से वंचित है द्रष्टि अगर मिल जाएगी तो तेरा दर्शन पाएंगे ओ मेरे बाबा बजरँगी तेरी जय जयकार मनाएंगे।। करम खोल दे उन भक्तो

मेहंदीपुर दरबार निराला हो रही जय जयकार

मेहंदीपुर दरबार निराला, हो रही जय जयकार, तेरी जय हो अंजनी लाल, तेरी जय हो अंजनी लाल।। ◾️सियाराम के भक्त हो प्यारे, माँ अंजनी के लाल दुलारे, भक्तो के बस तुम हो सहारे, करते पल में वारे न्यारे, संकट मोचन नाम है तेरा, सुन लेना दातार, तेरी जय हो अंजनी लाल, तेरी जय हो अंजनी

ओ मारुती ओ हनुमंता तेरा एक सहारा दूर करो दुःख सारा।

ओ मारुती ओ हनुमंता तेरा एक सहारा दूर करो दुःख सारा।। बात पुरानी है एक कहानी है सूरज को तूने मुख में लिया था देवो ने की थी अर्जी चली थी तेरी मर्जी छोड़ दिया तूने रवि को मुख से मिटा दिया अँधियारा दूर करो दुःख सारा ओ मारुती ओ हनुमंता दूर करो दुःख सारा

मेरे हनुमान तुझे प्रणाम भक्तोँ का तू सहाई बिगड़े बनाये काम॥

मेरे हनुमान तुझे प्रणाम, मेरे हनुमान तुझे प्रणाम, भक्तोँ का तू सहाई बिगड़े बनाये काम, मेरे बजरंग तुझे प्रणाम॥ ◾️तेरा जलवा खूब ओ तेरी महिमा खूब, क्या राजा क्या भिखारी सबपे रहता, है तू मेहरबान … मेरे हनुमान …॥ सबसे अमीर तू है मेरी तकदीर तू है, दर का फकीर हूँ मैँ बंदा अकीर हूँ

मेरा बजरंग सोटे वाला सारे जग से निराला श्री राम का है वो दीवाना कहे सारा जमाना

मेरा बजरंग सोटे वाला, सारे जग से निराला, श्री राम का है वो दीवाना, कहे सारा जमाना, संकट हरता, दुखड़े हरता, नहीं किसी से डरता, मेरा बजरंग सोटे वाला, सारे जग से निराला।। ◾️चैत्र सुदी पूनम का दिन, ये हनुमान को लाया, चैत्र सुदी पूनम का दिन, ये हनुमान को लाया, कहीं सालासर कहीं मेहंदीपुर,

ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान

ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान काँधे पर दो वीर बिठाकर चले वीर हनुमान।। श्लोक – दुर्गम पर्वत मारग पे निज सेवक के संग आइए स्वामी भक्त के काँधे पे आन बिराजिए भक्त का मान बढ़ाइए स्वामी।। ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान ऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग मे ऐसे भगवान

एक बार आओ जी बालाजी म्हारे आंगणा।

एक बार आओ जी बालाजी म्हारे आंगणा थाने टाबरिया बुलावे घर आज पधारो म्हारे आँगणिये।। केसरिया बागो पहरावा चांदी को थाके छतर चढ़ावा थाने बनड़ो बनावा बाबा आज पधारो म्हारे आँगणिये।। केसर चंदन तिलक लगावा इतर से बाबा थाने नहलवा थाको खूब करा श्रृंगार पधारो म्हारे आँगणिये।। खीर चूरमा को भोग लगावा प्रेम से बाबा

माँ अंजनी के लाल सुनले ना मेरी पुकार॥

माँ अंजनी के लाल, सुनले ना मेरी पुकार माँ अंजनी के लाल, सुनले ना मेरी पुकार हो जायेँ भव से पार हम पे कृपा जो तेरी हो॥ माँ अंजनी के…॥ ◾️दरबार तेरा पावन, लगती है शोभा प्यारी। महिमा तेरी है निराली जाने दुनिया सारी। तेरी भक्ति से, तेरी शक्ति से मिट जाते सब जंजाल॥१॥ माँ

मनड़ा रे जे तू बालाजी ने ध्याय सी कष्ट तेरा सगळा कट जायसी

मनड़ा रे जे तू बालाजी ने ध्याय सी कष्ट तेरा सगळा कट जायसी सच्चे मन से तू देख बुलाय सी बजरंग बेड़ो पार लगाय सी बाबो बेड़ो पार लगाय सी मनड़ा रे जेतू बालाजी ने ध्याय सी।। ◾️सालासर रो बाबो सदा सुख बरसावे सँवर जावे बिगड़ी शरण जो आ जावे दुलारो अंजनी को भगता को

बोल राम राम खुश होंगे हनुमान रे पल में बनाएंगे तेरे बिगड़े काम रे।

बोल राम राम, खुश होंगे हनुमान रे, पल में बनाएंगे, तेरे बिगड़े काम रे, तेरे बिगड़े काम रे।। ◾️राम जी के भजन, हनुमान जी को भाए, हनुमान जी को भाए, नाम राम का सुनके, दौड़े दौड़े वो आए, रटते यही नाम, सुबह शाम आठो याम रे, पल में बनाएंगे, तेरे बिगड़े काम रे, तेरे बिगड़े