सीताराम सीताराम सीताराम बोल। राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोल॥ यह दुनिया है गोरख-धन्धा, भेद समझता कोई-कोई बन्दा। ब्रह्म स्वरुप तराजू तोल, सीताराम सीताराम सीताराम बोल॥1॥ क्यों विषयों में मन को लगाया, पालनहार को दिलसे भुलाया। जीवन मिट्टी में ना रोल, राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोल॥2॥ भज ले रे मन! कृष्ण मुरारी, नटवर-नागर कुञ्जबिहारी। ना लगता कछु तेरा
हम आपके लिए लाये है बाल गोपाल कृष्ण के मनमोहक भक्ति भावपूर्ण भजन लिरिक्स जो आपको भाव विभोर कर देंगे बाल कृष्ण की के भक्तो के लिए बहुत प्यारा भजन लिरिक्स। जय श्री कृष्ण हाथी घोडा पालकी जय कन्हैया लाल की। टेर : मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो। भोर भये गइयन के पीछे मधुबन
दोहा : राम नाम के कारण सब धन दीन्हा खोय, मूर्ख जाणो घट गयो दिन दिन दूनो होय। टेर : राम नाम का सुमिरन करले फेर प्रेम की माला, उसका दुश्मन क्या कर सकता जिसका राम रखवाला। हिरणाकुश प्रह्लाद भगत का जनि दुशमन बनके, जल्लादों को हुकम दे दिया फांसी दो दुश्मन के, बांध पोट
टेर : थाने विनती करूं मैं बारम्बार मर्याद भवानी अर्ज सुनो। गंगे भूप पर कृपा किन्ही गढ़ र नींव लगाय, देशनोक में बण्यो देवरो शोभा तो बरणी न जाय। थाने विनती….. सेखों जी मुल्तान री कैद में घर बेटी रो ब्याह, बनके कांवली डाल पंजे मैं फेरा सु पहले पुगाय। थाने विनती….. गंगे भूप की
टेर : थारी मुरली मनड़ो मोयो कान्हा और बजाओ थारी मुरली न। आ मुरली मीरा बाई ने मोही राणे न छोड़ मीरां थारे संग होई मेड़तियो छिटकायो कान्हा। आ मुरली राधा प्यारी ने मोही बृज में गोपी लीला होई मधुबन रास रचायो कान्हा। आ मुरली कर्मा बाई न मोही मंदिर में थारी बाटा जोही जीण
आज हम श्री राम जी का बहुत ही सूंदर भजन लेके आये है। जो निसंदेह आपको श्री राम जी के साथ भाव से जोड़ देगा और आपको मन में शांति और श्रद्धा का भाव पैदा करेगा। || मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान तुम्हारे चरणों में, श्रीराम तुम्हारे चरणों में हनुमान तुम्हारे चरणों में ||
टेर : तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार उदास मन काहे को करे नैया कर तूं प्रभु के हवाले लहर लहर हरी आप संभाले हरि आप उतारेंगे पार उदास मन काहे को करे तेरा रामजी करेंगे…… काबू में मझधार उसी के हाथों में पतवार उसी के बजी जीत ले ओ चाहे हार उदास मन काहे को
टेर : राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊ गली गली, ले लो रे कोई राम का का प्यारा आवाज लगाऊ गली गली। दौलत के दीवानों सुन लो एक दिन ऐसा आवेगा, धन दौलत और रूप खजाना यहीं धरा रह जावेगा, सूंदर काया माटी होगी चर्चा होगी गली गली। ले लो रे….. मित्र प्यारे सगे
दोहा : माया सगी न मन सगा सगा न ये संसार, परस राम या जीव का सगा वो सिरजन हार। टेर : भजमन राम चरण सुखदाई। जिन चरणन से निकली सुर सूरी शंकर जटा समाई जटा शंकरी नाम धरयो है त्रिभुवन तारन आई। भजमन…. जिन चरन की चरनन पादुका भरत रहे मन लाई सोई चरण
टेर : सीताराम सीताराम सीताराम कहिये, जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये। मुख में नाम राम सेवा हाथ में, कैसे तूं अकेला प्राणी राम तेरे साथ में, विधि का विधान जान लाभ हानि सहिये। जाहि ….. जिंदगी की डोर छोड़ राम जी में, महलों में राखों चाहे झोपड़ी में बास दे, धन्यवाद निर्विवाद राम