Author: Mohit Kumar

घणा दिन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग।Lyrics Verified 

दोहा : कबीरा सुता क्या करें जागन जपे मुरार। एक दिन तो है सोवना लम्बे पाँव पसार।। टेर : घणा दिन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग। पहले सोयो माता के गर्भ में उल्टा पांव पसार। भीतर से जब बाहर आया भूल्या कोल करार।। जन्म तेरी हो लियो रे दूजा सोया गोद माता

घणी दूर से दोड्यो, थारी गाडुली के लार……Verified Lyrics 

घणी दूर से दोड्यो, थारी गाडुली के लार……., गाडी में बिठाले रे… बाबा, जाणो है नगर अंजार… नरसी बोल्यो म्हारे सागे के करसी…. ओढ़न कपडा नाही बैठ सियां मरसि…. बूढ़ा बैल टूटेड़ी गाडी पैदल जावे हार…. गाडी में बिठाले रे बाबा जाणो है नगर अंजार….. ज्ञान दासजी कहवे….. गाडुली तोड़ेला… ज्ञान दासजी कहवे तुमड़ा फ़ोड़ेला…….

तूं तो हीरो सो जन्म गँवायो, भजन बिना बावरा✓ Lyrics Verified 

दोहा : राम भजन में आलसी, भोजन में होशियार। तुलसी ऐसे जीव को बार बार धिकार।। टेर : तूं तो हीरो सो जन्म गँवायो, भजन बिना बावरा। कड़े न आयो साध सांगत में कड़े न हरि गुण गायो। पच पच मरयो बैल की नांई सोय रहो उठ खायो।। ये संसार हाट बणिये की सब जग

बांगा दर्शन खोटा रे, जीका कदे राम नाम न भजे।✓ Lyrics Verified 

दोहा : कबीरा सब जग निर्धना धनवंता ना कोय। धनवंता सोई जानिए जाके राम नाम धन होय।।टेर : बांगा दर्शन खोटा रे, जीका कदे राम नाम न भजे। तीखा तीखा तिलक लगावे लम्बा राखे चोटा। राम नाम तो आव कोणी कर्म कमावे खोटा।।बांगा दर्शन…..साधु बन मंदिर में बैठे नाम कढाव मोटा।राम नाम तो लेवे कोणी

हे शारदे माँ हे शारदे माँVerified 

शारदे माँ, हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ… हे शारदे माँ..।। हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ… हे शारदे माँ..।। तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे, हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे हम है

भजले मन मेरा शंकर दीनदयाल, शीश ऊपर बहती,✓ Lyrics Verified 

टेर : भजले मन मेरा शंकर दीनदयाल । शीश ऊपर बहती, जिनके गंगाजी की धार है,मारती हिलोरे नर, नैया बेडा पार है गले बीच शेष सोहे, सर्पों का हर है भस्मी रमावे शिव, गले मुंड माल है डमरू बजावे भोला, बैल पर असवार है बाएं अंग पार्वती शोभा, अपमम्पार है। सच्चा तो सुनता सवाल क्रोध

सुमिरण करले मेरा मना बीती उम्र हरि नाम बिना।✓ Lyrics Verified 

टेर : सुमिरण करले मेरा मना बीती उम्र हरि नाम बिना। हस्ती दन्त बिना, पंछि पंख बिना, जिमि राहगीर है पथ बिना। वैश्या का पुत्र पिता बिन हिना, जिमि प्राणी हो प्राण बिना।। सुमिरण करले…… धेनु क्षीर नदियाँ नीर बिन, जैसे नारी पुरुष बिना। जैसे तरवर फल बिन सुना, जिमि धरती रहे मेघ बिना।। सुमिरण

भज शंकर दीन दयाल कटे भव जाल✓ Lyrics Verified 

टेर : भज शंकर दीन दयाल कटे भव जाल कटे चौरासी शंकर काशी के बासी। शंकर….. मस्तक पे चंद्र बिराजे दर्शन से पातक भाजे, श्री नीलकंठ भगवन नाम अविनाशी। शंकर….. तेरी जटा में गंगा की धारा काटे पाप जगत का सारा हो सुमिरन से कल्याण कटे यम फांसी। शंकर….. जब पिले भांग का प्याला फिर

लेके गौरा जी को साथ भोले भाले भोलेनाथ,✓ Lyrics Verified 

टेर : लेके गौरा जी को साथ भोले भाले भोले नाथ, काशी नगरी से आया है शिवशंकर। नंदी पर सवार होके, डमरू बजाते, चले आ रहे है, भोले माया रचाते, पहरे नर मुंडो की माल, पहरे ऊपर से मृग छाल। काशी नगरी….. हाथ में त्रिशूल लिये, भस्मी रमाये, झोली गले में डालें, गोकुल में आये,

कोणी माने ऐ यशोदा तेरो गिरधारी।✓ Lyrics Verified 

टेर : कोणी माने ऐ यशोदा तेरो गिरधारी। घर का तो छोड़ा कान्हा, महल मालिया, गुजारी की झोपड़ी, लगे प्यारी। कोणी माने ऐ….. घर का तो छोड़ा कान्हा, माखन मिसरी, तने गुजरी की राबड़ी, लगे प्यारी। कोणी माने ऐ….. घर का तो छोड़ा कान्हा, पलंग पथरना, तने गुजरी की गुदड़ी, लगे प्यारी। कोणी माने ऐ…..